
पिछले महीने की 18 जून को दिल्ली के रोहिणी पुलिस जिले के एन काटजू थाने में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार होते ही उन्होंने बीरभूम में अपने परिजनों से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि उन्हें बांग्लादेशी होने के संदेह में दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है। परिवार के लोग जल्द ही दिल्ली आकर उन्हें मुक्त कराएं। ऐसा संदेश मिलने पर परिवार के लोग दिल्ली के लिए रवाना हो गए। के वहां पहुंचे। एन काटजू थाने से सूचना मिली कि बांग्लादेशी होने के संदेह में हिरासत में लिए गए लोगों को बीएसएफ के हवाले कर दिया गया है। उन्हें ‘धकेलकर’ बांग्लादेश भेज दिया गया। परिजनों ने शिकायत की है कि पुलिस की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है कि उन्हें पश्चिम बंगाल में कहां से वापस भेजा गया है। परिवार की सदस्य रोशनी बीबी ने कहा, “पुलिस थाने में हमारे बार-बार पूछताछ के बावजूद पुलिस को मेरी मौसी, दामाद और पांच साल के दामाद का कोई सुराग नहीं मिला। हम खुद को बहुत असहाय महसूस कर रहे हैं।” परिवार की ओर से श्रम विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल श्रम कल्याण बोर्ड से भी संपर्क किया है। परिवार के सदस्यों का एक वर्ग उनकी पहल पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला दायर करेगा।
दिब्येंदु गोस्वामी की रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के बीरभूम से।