
मुज़फ्फरनगर। छोटे व्यापारियों और दुकानदारों पर जीएसटी विभाग द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी की कार्रवाई से व्यापारी वर्ग में आक्रोश है। इसे लेकर संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल ने अब मोर्चा खोल दिया है। कलेक्ट्रेट पहुंचकर व्यापारी नेताओं ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के नाम अपर जिलाधिकारी (राजस्व) गजेंद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जीएसटी विभाग द्वारा की जा रही अवैध छापेमारी का विरोध दर्ज कराया गया है।संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री प्रमोद मित्तल ने कहा कि जीएसटी विभाग को छापेमारी से पहले जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होती है, लेकिन बिना अनुमति के कार्रवाई की जा रही है, जो पूरी तरह अवैध है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग न तो छोटे व्यापारियों को छोड़ रहा है और न ही बड़े व्यापारियों को बख्श रहा है।
- उन्होंने कहा, “केंद्र और राज्य की जीएसटी वसूली लगातार बढ़ रही है। हर माह करीब 2 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी वसूली हो रही है, फिर भी व्यापारियों को निशाना बनाया जा रहा है। हमने मजबूर होकर वित्त मंत्रियों को ज्ञापन भेजा है। यदि यह कार्रवाई नहीं रुकी तो व्यापारी वर्ग को सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा।”प्रमोद मित्तल ने आगे कहा, “हम जन्म से भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हैं और बीते 70 वर्षों से इसी पार्टी को वोट देते आए हैं, लेकिन अब व्यापारी वर्ग का शोषण किया जा रहा है।”व्यापारी सुनील ने कहा कि व्यापारी जीएसटी चुकाकर ही माल खरीदते और बेचते हैं, फिर भी उन्हें छापों के जरिए परेशान किया जा रहा है।झांसी की रानी व्यापार मंडल के विक्की चावला ने कहा, “पहले ही बाजारों में काम-धंधा मंदा है और ऊपर से जीएसटी विभाग की छापेमारी ने व्यापारियों को बुरी तरह से परेशान कर रखा है। जब सरकार ने जीएसटी नंबर दे दिया है, तो बार-बार छापेमारी का क्या औचित्य है?” उन्होंने कहा कि अब भाजपा के नेता भी ज्ञापन देने पर मजबूर हैं, इसका मतलब है कि स्थिति गंभीर है। यदि यह कार्यवाही बंद नहीं हुई तो व्यापारी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।व्यापारी नेता अशोक बाटला ने भी जीएसटी विभाग पर व्यापारियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विभाग की मनमानी बंद नहीं हुई तो संयुक्त व्यापार मंडल विरोध दर्ज कराएगा और आवश्यकता पड़ी तो हड़ताल का भी निर्णय लेगा
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