
कटनी से सौरभ श्रीवास्तव की रिपोर्ट
*कटनी*सूत्रों के अनुसार रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में 100 से ज्यादा अवैध वेंडरों की मौजूदगी एक गंभीर समस्या है। इनमें से कई वेंडर 18 साल से कम उम्र के हैं और उनके पास किसी भी प्रकार की आधिकारिक पहचान (आईडी) नहीं है।यह न केवल रेलवे सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि बाल श्रम और अवैध व्यापार जैसी समस्याओं को भी जन्म देता है। रेलवे प्रशासन और आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) को इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। नियमित जांच, पहचान पत्र की अनिवार्यता और अधिकृत वेंडरों को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाने जरूरी हैं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेनों में चलने वाले अनाधिकृत वेंडर से ठेकेदार के द्वारा पर वेंडर से 700रूपए चार्ज लिया जाता हैं ट्रेनों में अवैध वेंडर जैसे चना, मूंग फली, खिलौना, बेचने वाले सूत्रों के अनुसार ट्रेन में कुछ अवैध वेंडर के द्वारा ट्रैनमें दवा का विक्रय किया जाता हैं जोकि रेलवे के नियमो के खिलाफ हैं जिससे ट्रेन में चलने वाले यात्री की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं उसके बाद भी रेलवे की जीआरपी एवं आरपीएफ पुलिस इन पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं
रेलवे पुलिस इस मामले सक्रियता नहीं दिखा रही हैंजिसके चलते ट्रैन में आए दिन लूटपाट जैसी वारदात
की घटनाये लागातार बढ़ रही औऱ रेलवे पुलिस का उदासीन रवैया बना हुआ हैं