
विकसित भारत युवा संसद की दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रतिस्पर्धा का भव्य आयोजन
📝🎯खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में विकसित भारत युवा संसदके अंतर्गत एक राष्ट्र, एक चुनाव विषय पर जिला स्तरीय प्रतिस्पर्धा का सफल आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना और उन्हें अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए मंच प्रदान करना है। कार्यक्रम के प्रथम दिवस 21 मार्च को खरगोन जिले से आए प्रतिभागियों ने इस अवसर पर अपनी वाकपटुता, तर्कशक्ति और नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री दीपक कानूनगो ने दीप प्रज्वलित कर किया। श्री कानूनगो ने युवाओं को देश की रीढ़ बताते हुए कहा कि युवा संसद जैसे मंच न केवल उनकी बौद्धिक क्षमता को निखारते हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारी का बोध भी कराते हैं। उन्होंने एक राष्ट्र, एक चुनाव विषय पर विचार रखते हुए प्रशासनिक खर्चों में कटौती, विकास कार्यों में बाधा, काले धन के उपयोग की रोकथाम और सामाजिक समरसता को इसका प्रमुख लाभ बताया।
विशेष अतिथि डॉ. जीएस चौहान ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को पहले सोने की चिड़िया कहा जाता था और इसे पुनः विकसित बनाने का सपना तभी साकार होगा, जब युवा अपने विचारों को साहस और स्पष्टता के साथ प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने युवाओं को स्वयं का उद्योग लगाने, नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाला बनने और प्रशासनिक एवं राजनीतिक स्वच्छता की दिशा में अग्रसर होने का संदेश दिया।
कॉलेज की प्राचार्य एवं कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ. शैल जोशी ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यदि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है, तो युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने इस आयोजन को विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक मंच बताया एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। प्रतिस्पर्धा में जिले के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने भाग लिया और सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक विषयों पर प्रभावी विचार प्रस्तुत किए। निर्णायक मंडल में शामिल डॉ. शोभाराम सोलंकी, श्री राकेश यादव, श्रीमती अचला पालीवाल, डॉ. सुनैना चौहान तथा प्रो चंद्र भान त्रिवेदी ने प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सुरेश अवासे ने बताया कि यह प्रतियोगिता युवाओं को संसदीय प्रणाली से परिचित कराने का एक अनूठा प्रयास है।
इस प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागी अगले चरण में विधानसभा स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। विधानसभा स्तर से चुने गए प्रतिनिधियों को अंततः संसद में अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा। इस तरह के आयोजनों से न केवल युवाओं को नीति-निर्माण प्रक्रिया को करीब से समझने का मौका मिलता है, बल्कि वे राष्ट्र के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित कर सकते हैं।