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दो दिवसीय मुस्कान नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्ड जिला स्तरीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ

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दो दिवसीय मुस्कान नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्ड जिला स्तरीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ
खंडवा 12 मार्च, 2025 – 
मध्य प्रदेश शासन के निर्देशनुसार श्री दादाजी धूनीवाले जिला चिकित्सालय सह नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय खंडवा में शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) के अनुसार संचालित करने हेतु एसएनसीयू, पीआईसीयू, पीडियाट्रिक वार्ड, पीडियाट्रिक ओपीडी, एवं एनआरसी के एमओ इंचार्ज एवं सिस्टर इंचार्ज के लिए 12 मार्च एवं 13 मार्च दो दिवसीय मुस्कान नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस स्टैंडर्ड जिला स्तरीय प्रशिक्षण का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ओ.पी. जुगतावत एवं सिविल सर्जन डॉक्टर संजीव दीक्षित की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ओ.पी. जुगतावत द्वारा मुस्कान कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों को बताते हुए कहा गया कि शिशु मृत्यु एवं मात्र मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भावस्था में महिला की देखभाल एवं हाईरिस्क की पहचान कर, उसका समय पर प्रबंधन करने से शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। मुस्कान कार्यक्रम का लक्ष्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा में गुणवत्तापूर्ण बाल अनुरूप सेवा देना है ताकि रोकथाम योग्य नवजात और बाल रुग्णता और मृत्यु दर को कम किया जा सके। प्रशिक्षण शकीला सेप्रू नेशनल एसेसर एवं टी.ओ. टी. ट्रेनर द्वारा दिया गया। इस दौरान समस्त प्रतिभागियों को चार समूह में बाँटकर ग्रुप एक्टिविटी, मुस्कान की चेक लिस्ट की सहायता से एसएनसीयू, पीआईसीयू, पीडियाट्रिक वार्ड, पीडियाट्रिक ओपीडी एवं एनआरसी का इंटरनल एसेसमेंट किया गया एवं नेशनल मुस्कान सर्टिफिकेशन हेतु कार्य योजना का निर्माण किया गया।  प्रशिक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ. संजीव दीक्षित ने प्रतिभागियों को बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सभी नागरिकों को समान रूप से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास कर रहा है, जिसमें 12 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं देखभाल की गुणवत्ता में सुधार लाना है। भारत सरकार के मुस्कान कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बीमार नवजात शिशु एवं बच्चों का समय पर आपातकालीन उपचार प्रारंभ करना एवं रेफर करना, स्तनपान, हाइपोथर्मिया, नवजात शिशु में केएमसी केयर एवं अन्य प्रबंधन कर शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। सभी के प्रयासों से इसमें कमी लाई जा सकती है। इस अवसर पर आर.एम.ओ. डॉ. एम.एल. कलमे, डॉ. कृष्णा वास्केल शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ. भूषण बांडे शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ. दीपक पंचोरे शिशु रोग विशेषज्ञ,अस्पताल मैनेजर यशवंत सोलंकी, मैटर एवं मैटरनल कोऑर्डिनेटर रचना ओढ़ सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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