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डॉकुंदन.  लाल उप्रेती का उनके आवास पर जाकर सम्मान किया गया

अलीगढ़, नवागत सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था (Ns3) के तत्वावधान में आज हिंदी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार, ब्रज लोक साहित्य के मर्मज्ञ एवं ध्वनि सिद्धांत के विद्वान डॉ कुंदन.  लाल उप्रेती का उनके आवास पर जाकर सम्मान किया गया  । इस अवसर पर संस्था के सदस्यों ने उन्हें प्रेम और आदर स्वरूप स्मृति चिह्न भेंट किया एवं माल्यार्पण कर उनका अभिनंदन किया।
डॉ. कुंदन लाल उप्रेती को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा लोक भूषण पुरस्कार, ब्रज लोक साहित्य सम्मान, शुभम संस्था द्वारा साहित्य मार्तंड लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वे ध्वनि सिद्धांत के प्रमुख विद्वान हैं और अब तक लगभग तीन दर्जन आलोचनात्मक और सर्जनात्मक पुस्तकों की रचना कर चुके हैं।
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक डॉ नरेश पाराशर, साहित्यकार सुरेश कुमार, सेवानिवृत्त भूमि संरक्षण निरीक्षक भगवत सिंह राघव, चम्पा उप्रेती, राजेश शर्मा सहित अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. उप्रेती के साहित्यिक योगदान की सराहना की और उनकी दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना की।
डॉ. उप्रेती ने इस सम्मान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, “अभी मैं पच्चीस वर्ष का हुआ हूँ, अभी पच्चीस वर्ष बाकी हैं।” उन्होंने अपनी नवीन हाइकु रचनाओं का पाठ भी किया, जिससे सभा में उपस्थित साहित्य प्रेमी अभिभूत हो गए।
संस्था के संस्थापक नरेश पाराशर ने कहा, “डॉ. कुंदन लाल उप्रेती न केवल एक विद्वान हैं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं। उनका साहित्यिक योगदान अमूल्य है, जिसे संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है|
सुप्रसिद्ध लेखक और दर्जनों से अधिक पुस्तकों के लेखक साहित्यकार सुरेश कुमार ने कहा, “डॉ. कुंदन लाल उप्रेती की साहित्यिक यात्रा प्रेरणादायक है। उन्होंने ब्रज लोक साहित्य और ध्वनि सिद्धांत पर जो योगदान दिया है, वह हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर है।
रि. भूमि संरक्षण निरीक्षक श्री बी.एस. राघव ने कहा, “डॉ. उप्रेती की लेखनी ने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी है। उनकी रचनाएँ आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनी रहेंगी।
कार्यक्रम के अंत में संस्था के संस्थापक एवं सचिव डॉ नरेश पाराशर ने सभी अतिथियों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
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