सोनभद्र

न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), सोनभद्र द्वारा इन अभियुक्तो को सुनाया अहम फैसला,

न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), सोनभद्र द्वारा इन अभियुक्तो को सुनाया अहम फैसला,

महुली सोनभद्र रिपोर्ट( नितेश कुमार)जिला (सोनभद्र) जावेद अख्तर पुत्र बदरूद्दीन, निवासी बैरखंड, थाना विण्डमगंज, सलाउद्दीन पुत्र इस्लाम कलामुद्दीन पुत्र इस्लाम फसीउद्दीन पुत्र सलाउद्दीन, मसूद आलम पुत्र मंजूर आलम, सलमान पुत्र शौकत अली, सहजाद पुत्र शौकत अली, असजद पुत्र शौकत अली, बदरुद्दीन पुत्र स्व. खलील, कलाम पुत्र सुलेमान निवासीगण बैरखढ़, थाना विण्द्वमगंज, जिला सोनभद्र इन सभी अभियुक्तगण की मुकदमा अपराध संख्या-34 सन् 2018 धारा-147, 148, 323, 504, 506, 452, 354 क भा.दं.सं. व धारा 7 सपठित धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 च धारा-3 (2) (क) एस.सी.एस.टी. एक्ट। धाना-विण्ढमगंज, जनपद सोनभद्र को कोर्ट द्वारा यह आदेशित किया गया कि के कठोर कारावास दो हजार रूपये के अर्थदण्ड (अर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को 01 माह के कारावास) से दण्डित किये जाने पर न्याय की मंशा पूर्ण होगी।

कोर्ट का निर्णय:-

अभियुक्तगण जावेद अख्तार, सलाउद्दीन, कलामुद्दीन, फसीउद्दीन, मसूद आलम, सलमान, सहजाद, असजद, बदरुद्दीन एवं कलाम को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147 भा.द.सं. का अपराध कारित करने के लिए प्रत्येक अभियुक्त को 01 वर्ष के कठोर कारावास तथा एक हजार रूपये के अर्थदण्ड (अर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को 15 दिन के कारावास) से दण्डित किया जाता है।

अभियुक्तगण जावेद अख्तार, सलाउद्दीन, कलामुद्दीन, फसीउद्दीन, मसूद आलम, सलमान, सहजाद, असजद, बदरुद्दीन एवं कलाम की धारा-323 भा. दं.सं. का अपराध कारित करने के लिए प्रत्येक अभियुक्त को 06 माह के कठोर कारावास तथा पाँच सौ रूपये के अर्थदण्ड (आर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को 15 दिन के कारावास) से दण्डित किया जाता है।

अभियुक्तगण जावेद अकार, सलाउद्दीन, कलामुद्दीन, कसीउद्दीन, मसूद जालम, सलमान, सहजाद, असजद, बदरुद्दीन एवं कलाम को धारा-452 भा. दं.सं. का अपराध कारित करने के लिए प्रत्येक अभियुक्त को 04 वर्ष के कठोर कारावास दो हजार रूपये के अर्थदण्ड (अर्थदण्ड जदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को 01 माह के कारावास) से दण्डित किया जाता है।

सभी सजायें साथ-साथ चलेंगी।

अभियुक्तगण को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 428 का लाभ प्राप्त होगा। अभियुक्त द्वारा इस मामले में दौरान विचारण कारागार में बितायी गयी अवधि सजा में समायोजित की जायेगी।

अभियुक्तगण पर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-357 के अन्तर्गत 35000/- रूपये (पैतीस हजार रूपये) का अर्थदण्ड लगाया गया है। अर्थदण्ड धनराशि में से 30,000/- (तीस हजार रूपये) की धनराशि चटना में हुए चोटहिलों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति के रूप में आवंटित की जाए। सारे अभियुक्तगण का दोषसिद्धि बारप्ट बनाकर उन्हें सजा भुगतने हेतु कारागार भेजा जाये।111

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