
वृजेश कुमार सोनभद्र रिपोर्टर विंढमगज वन क्षेत्र के दुरूह बोधाडीह व करहिया के किनारे गुजरने वाले कनहर नदी से दर्जनों ट्रेक्टरसे दिन में एवं रात को खनक करके मुख्य मार्क की किनारे डम्प करते है और रात होते ही टिपर द्वारा उठाकर कोन ब्लाक के कचनारवा कुड़वा केवाल एवं विन्ध्मगंज थाना क्षेत्र के मुडिसेमर बूटबेड़वा केवाल सैयाडीह आदि गांव में उच्च दाम में बेचा जा रहा है ग्रामीणों ने बताया की वन विभाग ने कुछ दिन पहले नदी में जाने वाले कुछ रास्ते को jcb द्वारा खानवा दिया गया था लेकिन खननकर्ताओ द्वारा दूसरा रास्ता बनाकर और खोदा हुआ रास्ते के बगल से रास्ता बनाकर दिन रात खनन करके रोड के किनारे इकठा करते है और रात होते ही वन विभाग के घिचोरवा चौकी से वन विभाग के कर्मचारीयों एवं विण्ढमगंज थाना के कुछ स्टाप के मिलीभगत से टिपर से उच्च दामों में बेचते है पर्यावरण कार्य कर्ता जमुना ने बताया की अगर इसी तरह अधिकारी करते रहे तो सरकार के राजस्व के साथ जलीय जीव जंतु का बहुत नुकसान होगा जिससे आने वाले समय में पर्यावरण पर गहरा नुकसान होगा इस बाबत में रेणुकूट वन प्राभग के क्षेत्रा धिकारी भनेन्द्र सिंह से सेल फोन पर बात तो बताया की उप जिला अधिकारी द्वारा एक टीम गठित किया गया जिसमे लेखपाल थाना के स्टाप और बन विभाग के कर्मचारी मिल कर निगरानी कर रहे है और जो नंदी है वो बन विभाग में नहीं आता फिर भी खनन करके बन विभाग का रास्ता का प्रयोग कर रहे उसे बंद करवाते है ग्रामीणों एवं पर्यावरण कर्ता चर्चा है की वन विभाग एवं उप जिला अधिकारी के संज्ञान में आने के बाद बाद खनन रुकता है या सालो से अवैध खनन रुकता है कुछ कर्मचारीयों के मिलीभगत से इसी तरह से खनन होता रहता भविष्य के गर्व छीपा है