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मकर संक्रांति का महापर्व जिस स्थान पर मनाया जाता है, उस स्थान पर मकर संक्रांति मनाई जाती है, इस जन्म में मकर संक्रांति मनाई जाती है और अगले जन्म में काम आता है महंत रामकिशोर दास शास्त्री,,,,,,,,
रिपोर्ट अजय साह तोमर
पोरसा,,,,,,,,मकर संक्रांति का महापर्व हिंदू धर्म में सबसे बड़ा पर्व है इस दिन दान पुण्य करने का बहुत बड़ा फल मिलता है जिसे इस जन्म में और अगले जन्म में भी काम मिलता है,, आज मकर संक्रांति पर्व ब्रह्माकुमारी आश्रम गांधीनगर व गिरिराज जी मंदिर पोरसा, श्री साई दास बाबा मंदिर, राजराजेश्वरी केला देवी मंदिर,,सहित जगह-जगह मनाये गये अन्न क्षेत्र व भंडारे चलाये जायेंगे,,,,,,,
,प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पोरसा के मुख्य सेवा केंद्र पर आज मकर संक्रांति पर बड़ी धूमधाम से मनाई गई जिसमें नगर के गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे बी के लाइन बहन ने बताया कि सूर्य की किरणों का पैगाम जिस तरह से हर दिन लाती है वह इस प्रकार है जीवन में तिल गुड़ की माचिस से भर जाए हर दिन और हर एक का दिल समृद्ध और समृद्धि से चमकता है आप सभी का जीवन पल-पल पतंग की उड़ान भरते रो आकाश की शोभा जिस तारो से सजाती है आप सभी का जीवन भी उसी तरह का खुशियों की ओर से खुशियों की तरह चमकते रहे, खुशियों का मेला में खुशियों की तरह चमकते रहे, इस पावन पर्व पर आपका हर सपना पूरा हो सपनों की उड़ान पूरी करने के लिए हमेशा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहो, कभी भी हार मत मानो विश्वास हो जाए और हर परिस्थिति का डटकर सामना करते हुए कुत्ते और तिल गुड़ की तरह एक दूसरे के जीवन में मिठास घोलते रहें अपना व्यवहार मीठा बनाते रहें अगर हम सबके बीच में बिल्कुल सही हैं और यानी मीठे स्वाद का गुण आ जाए तो हम सर्व को अपना बना सकते हैं। जिस प्रकार से मिठाई खिलाते हैं एक हैं दूसरे को और सब बड़े खुश होते हैं कोई भी अच्छा काम करता है हम एक दूसरे से कहते हैं मुंह मीठा करो इस प्रकार से अब हमें मुख्य रूप से मीठा करने के साथ-साथ यह भी संदेश देना है कि मीठा बोलना भी साथ में मुख्य रूप से समाज है सेवक जसराम गुप्ता ने सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मकर संक्रांति का आध्यात्मिक अर्थ कहां है कि किस प्रकार हम तीर्थ पर स्नान करने जाते हैं, अपने आप को पवित्र करने के लिए अपने बुरे दिनों को गंगाजल में छोड़ दें और हम उत्सव में आते हैं। इस प्रकार से आप सभी अपने-अपने घर पर प्रतिदिन यह संकल्प लें आज से मुझे अपनी बुराइयों को हर रोज भगवान की याद दिलाकर जल में मनन दें ताकि मेरे जीवन से हर रोज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा सके ताकि सभी को बहुत-बहुत बुराइयां मिल सकें आज मकर संक्रांति के दिन मुख्य रूप से उपस्थित रहे पूर्ण सत्यवती पूजा, गुप्ता सरोज, सरिता, सत्यवती गुप्ता, सुमन लक्ष्य कर, लता सावित्री, बीके सुभाष, प्रशांत, बिना तोमर, गीता शर्मा, कमला राम बहादुर नरवरिया मुख्य रूप से उपस्थित रहे,,,,,,,,
श्रीसाईं दास बाबा अध्यात्म एवं सेवा संगठन जिपं इकाई पोरसा के जगदीश प्रसाद शर्मा, हरिशंकर गुप्ता, गोविंद सिंह परिहार, रामदुलारे शर्मा, वृद्ध शर्मा शर्मा, बच्चू लाल, विकास ओझा, पंकज सिंह तोमर, मनोज कुमार गुप्ता, आदि के गजक एवं अन्य राजराजेश्वरी केला देवी मंदिर में पुजारी रामदास श्रोत्रिय महाराज के सानिध्य में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर मूंग की दाल के मांगोड़े का प्रसाद वितरित किया गया। इसी प्रकार गिरिराज जी के मंदिर में भी मकर संक्रांति महोत्सव के अवसर पर महंत रामकिशोर दास शास्त्री द्वारा एक मकर संक्रांति के महत्व को बताया गया है कि संक्रांति के दिन दान पुण्य अक्षय सभी को देना चाहिए। यह इस जन्म में और अगले जन्म में काम आता है,,,,,,,