*भगवान की भक्ति में शक्ति मिलती है–आर्यिका सुनयमती*
*दिगम्बर जैन साध्वी संघ का खण्डवा में हुआ मंगल आगमन*
*नवकार नगर में बहेगी धर्म की गंगा*
खंडवा।। दिगम्बर जैन धर्म आत्मा से परमात्मा के मिलन का मार्ग बताता है।हमारे तीर्थंकर परमात्मा ने जिस मोक्ष की राह पर चलकर अनंत सुख को प्राप्त किया है हम सभी भी आज उसी राह पर चल रहे हैं।आत्मा निराकार स्वरूपी है।सभी जीवों में एक आत्म तत्व विद्यमान है जो ज्ञान,दर्शन और चेतना के गुण से परिपूर्ण है।कोई भी आत्मा छोटी बड़ी,ऊंची नीची नहीं होती।भगवान की भक्ति में बहुत शक्ति होती है।देव, शास्त्र व गुरुजनों की अवहेलना करने से निकांचित कर्मो का बंध होता है।उक्त बात आचार्य सुन्दरसागर जी की सुशिष्या आर्यिका 105 श्री सुनयमती माताजी ने खण्डवा प्रवेश पर समाजजनों को संबोधित करते हुए कही।उन्होंने कहा कि संत के लिये साधना को और श्रावक के लिये आराधना को महत्वपूर्ण बताया गया है।निर्दोष,निर्विकार और निष्काम भावना से की गई आराधना भक्त को भगवान भी बना देती है।आज सभी जीव संसार परिभ्रमण के मार्ग पर चल रहे हैं लेकिन एकमात्र जैन धर्म ही है जो संसार सागर से पार उतरकर मोक्ष मार्ग को अपनाने की प्रेरणा देता है।जो सम्यग्दृष्टि श्रावक होता है वही मोक्ष मार्ग की ओर रुचि लगाता है।दिगम्बर संत बादल के रूप में समाज के बीच उपस्थित होकर अपने ज्ञान की बारिश करते हैं।मुनि सेवा समिति के प्रचार मंत्री सुनील जैन एवं प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को आर्यिका माताजी ससंघ का खण्डवा में नगर प्रवेश हुआ।इंदौर रोड से अगवानी करते हुए समाजजनों द्वारा साध्वी संघ को बैंड बाजो के साथ नवकार नगर स्थित मुनिसुव्रतनाथ जिनालय ले जाया गया।जहां माताजी के मंगल आशीर्वचन हुए।आर्यिका ससंघ इंदौर में चातुर्मास पूर्ण कर सिद्धक्षेत्र सिद्धवरकूट की वंदना करते हुए खण्डवा पहुँचे है।नगर प्रवेश पर समाजजनों द्वारा अपने घरों के सामने साध्वी ससंघ के पाद प्रक्षालन एवम आरती उतारकर अगवानी की। मुनि सेवा समिति के सुनील जैन, अविनाश जैन ने बताया कि संघ में क्षुल्लक सुपर्व सागर जी एवम क्षुल्लिका सुधन्यमती माताजी भी विराजमान है।प्रतिदिन प्रातः 8:30 से 9:30 बजे तक नवकार नगर जिनालय में इष्टोपदेश ग्रन्थ पर प्रवचन होंगे।दोपहर में 3 बजे से सन्त निवास में ज्ञानरणव ग्रन्थ पर कक्षा ली जा रही है।शाम को 7 से 8 बजे तक गुरु भक्ति,शंका समाधान होगा।
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