महासमुंद/सरायपाली: मंदिर को दान में मिले जमीन के धान,व मठ आदि के धान का समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ हो गई है और अंतर राशि भी देने मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है। पुजारियों को मिले जमीन का समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर बैन लग गया था,जिसको लेकर पुजारियों के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय मैं आवेदन दिया था, साथ ही समस्याओं को लेकर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया से भी मुलाकात किए थे, सरला कोसरिया ने पुजारियों के मांग को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था और मुख्यमंत्री द्वारा पुजारियों के हित को ध्यान में रखते हुए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने निर्देशित किया साथ ही अंतर राशि देने भी आश्वासन दिया गया है ।
बता दें गांव गांव में स्थित विभिन्न प्रकार के मंदिरों में पूजा करने के लिए मंदिर समिति व ग्रामीणों के द्वारा पुजारी रखा गया है जिनके लिए मंदिर के नाम पर कुछ एकड़ जमीन भी आरक्षित किया गया है, जो पुजारी उक्त मंदिर के जमीन को आध्या, रेघा में देकर धान उत्पादन करवाते हैं, लेकिन मंदिर की जमीन के धान का समर्थन मूल्य में खरीदी पर बैन लगने से मंदिर समिति,सर्वांराकर पुजारी,भूस्वामी के द्वारा मंदिर के नाम पर दान में मिले पुजारियों के जमीन का समर्थन मूल्य में धान खरीदी नहीं होने व अंतर राशि भी पुजारियों को उक्त जमीन का नहीं मिलने पर उनके द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सरायपाली को 30 अक्टूबर को ज्ञापन सौपा है और पंजीयन करने व अंतर राशि देने की मांग की है। साथ ही पंडित नेहरू लाल आचार्य,संकर्षण त्रिपाठी,विद्याधर देहरी,बाबूलाल,प्रकाश महापात्र,निर्मल महापात्र,रामप्रसाद महापात्र,पूर्णानंद दास आदि लोगों के द्वारा भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया को भी समस्या से अवगत कराते हुए बताया कि सत्र 2023-24 तक मंदिर के पुजारी,सर्वराकार,भूमि स्वामी का धान सोसायटी के माध्यम से विक्रय किया जाता था। जिनके अंतर राशि भी नियमित मिलता था,लेकिन सत्र 2024-25 में सभी मंदिरों का पंजीयन नहीं हुआ है,जिससे मंदिर के जमीन में उपजे धान फसल को पुजारी समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाएंगे। मंदिर की भूमि से कृषि कार्य करते हुए,मंदिर की पूजा-अर्चना व भोगप्रसाद से ही मंदिर का कायाकल्प किया जाता है,पुजारियों का भी भोग प्रसाद व कृषि भूमि से उनका परिवार आश्रित रहता है अगर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं होती है तो उनके साथ अन्याय होगा। जिस तरह किसानों को उनके उपज का सही दाम मिलता है, उसी तरह पुजारी सर्वांराकार के द्वारा मंदिर की जमीन में उपजाये धान को समर्थन मूल्य पर खरीदी कर वाजिब दाम प्रदान किया जाए और अंतर राशि दी जाए। सरला कोसरिया के द्वारा पुजारी,सर्वांराकर की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उनके द्वारा उनकी मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा मुख्यमंत्री के द्वारा सभी पुजारी के जमीन का पंजीयन करने समर्थन मूल्य में धान खरीदी करने व अंतर राशि देने घोषणा किया गया। मुख्यमंत्री की घोषणा के पश्चात बेन लगे पोर्टल भी खुल गए हैं और पुजारी अपने दान में मिले जमीन का पंजीयन भी करवा कर धान भी बेचना प्रारंभ कर दिए हैं। पुजारी के द्वारा उनकी मांग पूरी होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया का आभार जताया है।