रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसम्बर को झिरी गेट से प्रदेश के 8 वें टाइगर रिजर्व रातापानी का लोकार्पण करते हुए कहा यह देश का पहला ऐसा टाइगर रिजर्व है, जो किसी राजधानी से जुड़ा हुआ है रहस्य, रोमांच, इतिहास और संस्कृति रातापानी टाइगर रिजर्व में यह सबकुछ समाहित है। और यह हमारे लिए गर्व की बात है।लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव और अभिनेता, लेखक, निदेशक रणदीप हूड्डा रातापानी टाइगर रिजर्व की जागरूकता के लिये विरासत से विकास की अनूठी दौड़ बाईक रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह रैली गोल जोड़ चौराहे से एकांत पार्क तक निकाली गई।मुख्यमंत्री की पहल और मार्गदर्शन पर 2 दिसम्बर, 2024 को रातापानी को प्रदेश का 8 वाँ टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। राज्य शासन द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं भी बाइक चला कर रैली की अगुवाई की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के रातापानी टाइगर रिजर्व का नाम विश्व विख्यात पुरातत्वविद डॉ. विष्णु वाकणकर के नाम से जाना जाएगा। रातापानी टाइगर रिजर्व में स्थित विश्व धरोहर भीमबेटका को डॉ. वाकणकर के अथक परिश्रम के परिणाम स्वरुप ही पहचान प्राप्त हुई है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट है।रातापानी टाइगर रिजर्व को सर्वश्रेष्ठ टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए। देश के सभी राज्यों की तुलना में सर्वाधिक टाइगर मध्यप्रदेश में है।रातापानी के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों की आजीविका इस क्षेत्र से जुड़ी हुई है। टाइगर रिज़र्व बनने के कारण यह पर्यटन को और बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।टाइगर रिजर्व गठित होने से भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से बजट प्राप्त होने से वन्य-प्राणियों का और बेहतर ढंग से प्रबंधन किया जा सकेगा। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को पर्यटन बढ़ने से लाभ प्राप्त होगा। टाइगर रिजर्व बनने से रातापानी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी तथा भोपाल की पहचान “टाइगर राजधानी’’ के रूप में होगी।
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