कोरबा से अशोक दीवान की खास रिपोर्ट
मरम्मत सहित अन्य कार्य के नाम पर निकाली बेहिसाब राशि.
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:- सरकार ग्रामीणों के उत्थान और गांव के विकास के लिए लाखों- करोड़ों रूपए पंचायत को मुहैया कराती है, लेकिन पंचायत में जनता के भरोसे बैठे जिम्मेदारों के भ्रष्ट्र नीति के चलते, ग्राम के विकास में ग्रहण लग जाता है।
मेरई पंचायत में भी बैठे जिम्मेदारों ने कुछ इस तरह भ्रष्टाचार किया कि गांव में न तो विकास दिख रहा है और न ही ग्रामीणों का उत्थान।
यहां सरपंच, सचिव व उपसरपंच की तिकड़ी से ऐसा भर्राशाही किया गया है, जिसे देख कोई भी अपने दांतों तले उंगली चबाने मजबूर हो जाएगा।
जिस तिकड़ी से हुए भ्रष्ट्राचार के विरुद्ध ग्रामीणों ने उचित जांच और कार्रवाई की उम्मीद लगाई है।
जिले के जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत मेरई में जिम्मेदारों ने भ्रष्ट्राचार को मनमाने रूप से अंजाम दिया गया है।
यहां शासन से निर्धारित नियम- कायदों को ताक पर रख कर बिना काम अपने ही फर्म को फर्जी बिल से लाखों का भुगतान किया गया है और घोर अनियमितताएं बरती गई है।
इस पंचायत में तिकड़ी के सांठगांठ से ऐसा खेला हुआ है जो शासन की मंशा के विपरीत है।
बावजूद इसके सरकारी सिस्टम ने ना तो कभी मौके पर जाकर कार्यों का भौतिक अवलोकन किया और न ही व्याप्त भ्रष्ट्राचार की ओर ध्यान आकर्षित किया।
शायद यही कारण है कि सरपंच, सचिव और उपसरपंच तीनो के निजी स्वार्थ सिद्धि की लालच ने विकास के लिए जारी राशि का मनमाने दुरुपयोग करने में कोई गुरेज नही किया।
निर्वाचित सरपंच श्रीमती रानीबाई मरकाम ने पति चैनसिंह मरकाम, सचिव अशोक दास ने अपने रिश्तेदार अरविंद दास महंत व उपसरपंच रमेश सिंह मरावी ने खुद उपकृत होकर,
कुंआ व शासकीय भवन मरम्मत, सेप्टिक टैंक निर्माण, नाला बंधान कार्य, नहानी घर निर्माण, साफ- सफाई, रंगाई- पोताई के कार्य कागजो पर कराकर बेहिसाब राशि निकाल बंदरबांट किया है,
जिसमे फर्म लता ट्रेडर्स के मेसर्स लता कुमारी व मां भवानी ट्रेडर्स रावा को भी बिना जीएसटी व्यापारी बना बोगस भुगतान किया है।
जबकि सरपंच, उपसरपंच को जनप्रतिनिधि होने के नाते पंचायत में खुद के किसी प्रकार का फर्म नही बनाना चाहिए और न ही पंचायत से किसी भी प्रकार का अनैतिक लाभ लेना चाहिए। लेकिन ग्राम के विकास कार्यों में सरपंच, सचिव, उपसरपंच की कार्यप्रणाली महज दिखावे भर की है, जिन्होंने मिलकर पंचायत को लूट लिया है। जिस भ्रष्ट्र कार्य के लिए प्रशासन का इनको जरा भी डर नही है।
*कागजी कार्यवाही कर निकाली गई राशि*
~ कुंआ मरम्मत, 14वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 27/07/2020, राशि- 3,12,144.
~ प्रा.शा. भवन मरम्मत, नाला बंधान कार्य, कुंआ मरम्मत, नहानी घर निर्माण, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 09/12/2020, राशि- 1,94,500.
~ सेप्टिक टैंक निर्माण, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 08/03/2021, राशि- 40,000.
~ सेप्टिक टैंक निर्माण, कुंआ मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 10/03/2021, राशि- 89,000.
~ कुंआ मरम्मत, नहानी घर निर्माण, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 24/03/2021, राशि- 98,460.
~ प्रा.शा. भवन मरम्मत, कुंआ मरम्मत, नहानी घर निर्माण, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 19/06/2021, राशि- 77,490.
~ कुंआ मरम्मत, चबूतरा निर्माण, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 05/08/2021, राशि- 83,000.
~ कुंआ मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 13/08/2021, राशि- 40,000.
~ पंचायत भवन मरम्मत, शासकीय भवन मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 07/10/2021, राशि- 89,000.
~ शासकीय भवन एवं पंचायत भवन मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 11/10/2021, राशि- 31,364.
~ रोड एवं कुंआ मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 30/09/2022, राशि- 1,15,000.
~ कुंआ मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 21/10/2022, राशि- 15,000.
~ रोड मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 30/10/2022, राशि- 14,000.
~ कुंआ एवं रोड मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 03/12/2022, राशि- 45,300.
~ नहानी घर निर्माण व कुंआ मरम्मत, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 04/01/2023, राशि- 20,900.
~ नहानी घर निर्माण और कार्यालय खर्च, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 21/01/2023, राशि- 1,22,000.
~ कुंआ मरम्मत, साफ- सफाई कार्य, कार्यालय खर्च, प्रशासकीय व्यय, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 06/11/2023, राशि- 2,12,279.
~ रोड मरम्मत कार्य, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 25/01/2024, राशि- 60,000.
~ नाला बंधान कार्य, 15वें वित्त, रिचार्ज बाउचर तिथि- 26/01/2024, राशि- 23,500.
सरपंच, सचिव, उपसरपंच के सांठगांठ से निम्न कार्यों के नाम पर 16 लाख, 82 हजार, 937 रुपए की राशि निकाल जमकर वारा- न्यारा किया गया है,
जिस भ्रष्ट्राचार के खेल में सरपंच पति चैनसिंह, सचिव का रिश्तेदार अरविंद दास, उपसरपंच रमेश सिंह मरावी के साथ लता ट्रेडर्स व मां भवानी ट्रेडर्स की भूमिका पर ग्रामीणों ने सवाल खड़े किए है और उन्होंने आरोप लगाते कहा है कि उल्लेखित जिन कार्यों के नाम पर भारी- भरकम राशि निकाली गई है, दरअसल वे कार्य कराए ही नही गए है तथा फर्जी बिल लगाकर बुनियादी विकास की राशि का खुला दुरुपयोग कर पंचायत के जिम्मेदारों ने अपना झोली भरा है। ग्रामीणों ने सरपंच के पूरे कार्यकाल की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की जिला प्रशासन से अपेक्षित उम्मीद जताई है।