पीलीभीत। बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों से मोटी रकम वसूूली जाती है, लेकिन सुरक्षा मुहैया कराने के बजाय बच्चों के जीवन से खिलबाड़ कर अनफिट वाहनों का इस्तेमाल कराया जा रहा है। जिले में ऐसी 28 बसें चिह्नित की गई हैं। एआरटीओ ने संचालकों को नोटिस भेजकर शीघ्र फिटनेस जांच न कराने पर वाहनों को सीज करने की चेतावनी दी है।
जिले में 272 छोटे-बड़े स्कूली वाहन परिवहन विभाग में पंजीकृत हैं। स्कूली वाहनों में स्कूल के नाम के साथ फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निश्मन यंत्र समेत दस से अधिक मानक पूरे करना अनिवार्य होता है, लेकिन स्कूल संचालक फिटनेस और मानकों को दरकिनार कर इन वाहनों से बच्चों को स्कूल लाने और घर छोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
एआरटीओ ने जांच की तो 28 वाहन मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसके बाद वाहन संचालकों को नोटिस भेजकर शीघ्र ही फिटनेस व अन्य मानक पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। अगर इसके बाद भी वाहन दौड़ते मिले तो ऐसे वाहनों को सीज करने के साथ संचालकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। एआरटीओ वीरेंद्र सिंह का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा से खिलबाड़ नहीं किया जाएगा। नोटिस भेजा गया है। बिना फिटनेस स्कूली वाहनों को सीज करने किया जाएगा। इसके लिए जल्द अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
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