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भगवान श्रीराम के नाम का सहारा लेकर भावनाओं के साथ खिलवाड़ पर पीएम करें देश से क्षमायाचना-प्रमोद तिवारी

भगवान श्रीराम के नाम का सहारा लेकर भावनाओं के साथ खिलवाड़ पर पीएम करें देश से क्षमायाचना-प्रमोद तिवारी

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के तपस्थली के भोग स्थली से जुडे वक्तव्य को बताया स्वागत योग्य

लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अयोध्या में भाजपा की पराजय को लेकर पुरी के शंकराचार्य जगदगुरू स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के वक्तव्य को स्वागत योग्य कहा है। उन्होनें कहा कि जगदगुरू शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के वक्तव्य से यह सुनिश्चित हुआ कि भाजपा को अब यह समझना चाहिए कि तप स्थली की पवित्रता यदि नष्ट किया जाएगा और उसे

भोगस्थली बनाया जाएगा तो जनता पारंपरिक संस्कृतियों पर किसी भी प्रकार का हमला बर्दास्त नही करेगी। उन्होनें कहा कि भाजपा सदैव अयोध्या के साथ काशी सहित तीर्थस्थलियों में भी संरक्षित महात्म्य से राजनैतिक स्वार्थ में छेडछाड करते हुए भगवान श्रीराम के

नाम का सहारा लेकर हिन्दुओं की भावनाओं और उनकी आस्था का इस्तेमाल सत्ता लोलुपता के लिए किया करती है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि श्री शंकराचार्य के इस वक्तव्य से यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और उसके पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भगवान श्रीराम का पवित्र नाम आस्था के नाम नहीं बल्कि सत्ता प्राप्ति के साधन मात्र हैं। उन्होने कहा

कि जगदगुरू निश्चलानंद सरस्वती का संदेश अत्यन्त महत्वता भरा हुआ सामने आया है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा के लिए यह कड़वा सबक है कि लोकसभा के चुनाव में जनादेश के तहत अयोध्या से लेकर अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, चित्रकूट, रामटेक, नासिक, सबरी स्थली व रामेश्वरम में जहां जहां भगवान श्रीराम के रामगमन मार्ग पर

भगवान श्रीराम के चरण कमल पड़े वहां वहां भाजपा के सफाए ने यह संदेश दिया है कि धर्म का इस्तेमाल कभी भी राजनैतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होनें कहा कि भाजपा ने भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या की प्राचीन एवं भव्य पवित्रता को नष्ट करते हुए इस तपस्थली को आस्था का केंद्र नहीं बल्कि पर्यटन का केन्द्र बनाकर धन कमाने का एक साधन बनाया। राज्यसभा सदस्य

प्रमोद तिवारी ने कहा कि यही हाल प्रमुख धार्मिक स्थली काशी में भी किया गया है। उन्होनें कहा कि अयोध्या के साथ काशी की भी पवित्रता एवं पौराणिक सांस्कृतिक गरिमा के विपरीत पीएम मोदी और सीएम योगी ने सिर्फ पर्यटन से पैसा कमाने का जतन मात्र के लिए प्रयास किया है। उन्होनें कहा कि इन पवित्र तीर्थ स्थानों के आये जनादेश से राजनैतिक लाभ के लिए धर्म के इस्तेमाल के दुष्परिणाम पर

तगड़ी मोहर लगी है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी यह कहते रहे कि उन्होने जन्म नहीं लिया है और अवतरित हुए हैं तो क्या वह अब स्पष्ट करना चाहेंगे कि उन्हें यह भी आदेश मिलता है कि तपस्थली की पवित्रता को नष्ट करके भोग स्थली बना दिया जाये? उन्होने कहा कि तपस्थली से जुडे स्थानों पर भाजपा प्रत्याशियों को हार का कड़वा स्वाद

चखना पड़ा और यहां से मिले जनादेश के मुताबिक पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के लिए जनता से क्षमा मांगनी चाहिए। उन्होने कहा कि भाजपा को यह पूरी तरह एहसास होना चाहिए कि देश की जनता की खुशहाली, मंहगाई पर नियंत्रण, रोजगार के अवसर का सृजन और भाई-चारे की मजबूती की जनाकांक्षा पर राजनीति केन्द्रित होनी

चाहिए। उन्होने कहा कि देश के बहुमुखी विकास पर ठोस चिन्तन की जगह भाजपा लोगों को आपस मे लड़ाकर सत्ता प्राप्त करने के अपने हथकण्डे की वजह से ही तपस्थलियों पर जनता का विश्वास हासिल नही कर सकी। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से

गुरूवार को यहां जारी बयान में राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड को लेकर राजनीति की जगह भाजपा को यह समझना होगा कि संविधान में बताये गये सिद्धांतो के अनुरूप सरकारों को प्रदेश एवं देश की जनता की सच्ची सेवा करनी चाहिए।

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