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Haryana Chunav Result 2024 : हरियाणा में बीजेपी को झटका, सीएम बदला, JJP से नाता तोड़ा, फिर भी हारी, 5 बड़े कारण

Haryana Chunav Result 2024: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की तरह हरियाणा में भी बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. बीजेपी सिर्फ 5 सीटें पर सिमटती नजर आ रही हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी को 10 सीटें मिली थीं. आइये जानते हैं उन कारणों को, जिनकी वजह से बीजेपी को राज्य में हार का सामना करना पड़ा है.

चंडीगढ़. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की तरह हरियाणा में भी बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. 10 लोकसभा सीट में से बीजेपी को सिर्फ 5 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. बीजेपी 1 सीट जीत चुकी है और चार सीट पर आगे चल रही है. कांग्रेस तीन सीटें जीत चुकी है और दो पर लीड लिए हुए है. कुमारी सैलजा, जयप्रकाश और सतपाल ब्रह्मचारी चुनाव जीत चुके हैं जबकि दीपेंद्र सिंह हुड्डा और वरुण चौधरी निर्णायक बढ़त बनाए हुए हैं. निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़ और कुरुक्षेत्र सीट पर निर्णायक बढ़त बनाए हुए है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह लोकतंत्र का जनादेश है. मुझे खुशी इस बात की है कि पीएम मोदी ने जिस ईमानदारी से देश को आगे बढ़ाने का काम किया है, उस पर लोगों ने मुहर लगाई है. पीएम मोदी तीसरी बार देश की सेवा करेंगे. पिछली बार हरियाणा की 10 की 10 सीटें हमने जीती थी, इस बार कहां कमी रह गई उसका हम आकलन करेंगे.’

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी. इस बार कांग्रेस ने राज्य की नौ लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी ‘आप’ कुरुक्षेत्र सीट पर मैदान में थी. कांग्रेस को पांच सीटों पर जीत मिलती नजर आ रही है.

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इन मुद्दों की अनदेखी पड़ी बीजेपी को भारी
हरियाणा में किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर प्रदर्शन होते रहे. पार्टी ने नाराजगी कम करने के लिए सीएम तक बदला. मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया. यहां तक जेजेपी से पार्टी अलग भी हो गई थी लेकिन बीजेपी का कोई दांव चल नहीं पाया और पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है. हरियाणा सरकार का जेपी के साथ गठबंधन का टूटना भी एक हर का कारण माना जा रहा है.

हरियाणा में बीजेपी की हार के 5 बड़े कारण
1: हरियाणा में भाजपा नेताओं की आपसी लड़ाई. सबसे पहले अंबाला से पूर्व गृह मंत्री अनिल बीच की नाराजगी. सोनीपत से बीजेपी के उम्मीदवार मोहन बडोली ने खुद प्रेस वार्ता करके या आरोप लगाया था कि कुछ बीजेपी नेताओं ने उनके साथ नहीं दिया और वह भी इस चुनाव में हार गए हैं.

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2. स्थानीय मुद्दे हरियाणा में ज्यादा असरदार: इस बार राष्ट्रीय मुद्दों के बजाय स्थानीय मुद्दे हरियाणा में ज्यादा असरदार रहे, जिसके चलते भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.

3. किसान आंदोलन बड़ा कारण : किसान आंदोलन भी हरियाणा में बीजेपी की हार को लेकर काफी बड़ा कारण माना जा रहा है क्योंकि जब हरियाणा में किसान नेताओं के द्वारा कई भाजपा नेताओं के घरों का घेराव किया गया. कई किसान नेताओं की नाराजगी का सामना बीजेपी को करना पड़ा.

4. हरियाणा में बेरोजगारी का मुद्दा : बेरोजगारी भी हरियाणा में कारण माना जा रहा है जिसमें सबसे पहले अग्निवीर योजना का विरोध भी कई जगह हरियाणा में देखने को मिला. घरों से आर्मी कई लोग जाते हैं. साथ ही हरियाणा में कई जगह बेरोजगार टीचरों की भर्ती का मामला हो या फिर पुलिस की भर्ती का मामला. हाई कोर्ट पर जाना, इस पर भी काफी नाराजगी हरियाणा के लोगों में देखने को मिली.

5. हरियाणा सरकार ने पोर्टल के जरिए कई योजनाओं को धरातल में उतरने की कोशिश की लेकिन वह सही तरीके से लोगों तक नहीं पहुंच पाई. इसको लेकर भी लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिली, जैसे प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट हो या फिर कोई और.

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