महिला सशक्तिकरण में शिक्षा की अहम भूमिका-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमंस एंड सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
शिक्षा अन्य अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए लड़कियों और महिलाओं को सक्षम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बहुत सी समस्याओं को पुरुषों से नहीं कह सकने के कारण महिलाएँ कठिनाई का सामना करती रहती हैं। अगर महिलाएँ शिक्षित हों तो वे अपने घरों की सभी समस्याओं का समाधान कर सकती हैं।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि भारत में महिला शिक्षा के विकास के लिए सभी उचित विधियों को अपनाने पर जोर दिया और इसके बाद तेजी से महिला की शिक्षा की व्यवस्था की गई। लार्ड कर्जन (1902) में भी महिलाओं की शिक्षा की प्रगति में काफी योगदान दिया। श्रीमती ऐनीबेसेन्ट (1904) में बनारस में सेन्ट्रल हिन्दू बालिका विद्यालय की स्थापना की ।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक डॉक्टर राजेंद्र कुमार जैन, डॉक्टर आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, अनामिका सैनी एडवोकेट, पूजा चौहान एडवोकेट, मीरा एडवोकेट, सीता चौधरी एडवोकेटआदि ने कहा कि
आज प्रत्येक क्षेत्र में नारी सबसे आगे जिसका प्रमुख कारण नारी की शिक्षित होना है। कालेज की तरफ से भी छात्राओं को शिक्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाता है। गांवों में रैलियां निकालकर महिला शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है।
सरकारें लड़कियों और महिलाओं के लिए शिक्षा तक समान पहुंच प्रदान करने के लिए उपाय कर रही हैं। – पहल में अधिक स्कूल बनाना, छात्रवृत्ति प्रदान करना और मुफ्त पाठ्यपुस्तकें प्रदान करना शामिल है। – लड़कियों की शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ