कोरबा/कटघोरा:- सलोरा (क) ग्राम पंचायत में दशकों से महिलाएं अपने जीवन का आधा हिस्सा पीने का पानी लाने में बिताती रही है। लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां पानी की कोई कमी नही हो रही है। इसका सारा श्रेय जाता है गांव की महिला सरपंच श्रीमती महेश्वरी तंवर को। जिन्होंने अपने प्रयास से पेयजल की किल्लत दूर कर ग्रामीणों को सुलभ पानी व्यवस्था मुहैया कराई, साथ ही साथ ग्राम विकास को भी प्राथमिकता के साथ तजव्वो दी।
जिले के कटघोरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत सलोरा (क) की महिला सरपंच महेश्वरी तंवर के अनुकरणीय प्रयास और उनके कार्यों की ग्रामवासियों द्वारा काफी सराहना की जाती है। पथरीले इलाका वाले इस पंचायत में भूजल का स्तर 06 सौ फुट नीचे होने के कारण ग्रामीण दशकों से पानी की किल्लत से जूझ रहे थे और गांव की महिलाओं को पेयजल के लिए आधी रात हेंडपम्प में कतार लगाना पड़ता था। पानी की यह मारामारी गर्मी के दिनों में जल स्तर गिरने से और भी बढ़ जाती थी तब यह गांव पानी की कठिनाइयों से राहत के मामले में काफी दूर था। सरपंच महेश्वरी तंवर बताती है कि हम सुबह 3- 4 बजे उठकर पानी के लिए दूर के स्रोत पर जाती थी, वहीं दोपहर के समय भी दिनभर के लिए पानी लेकर लौटती थी। पानी की समस्या के बारे में नियमित चर्चा तो होती थी, लेकिन इसका कोई समाधान नजर नही आता था। क्योंकि पथरीली भूमि होने से बोर खनन ज्यादातर विफल साबित होता था। उन्होंने आगे बताया कि गत 2020- 21 में ग्राम पंचायत के चुनाव होने थे तब महिलाओं के मुद्दों पर ध्यान रखते हुए चुनाव लड़ने का फैसला लिया और जब अपने पति योगेश कुमार तंवर से इस विचार पर चर्चा की तो उन्होंने पूरा समर्थन किया। लेकिन यह इतना आसान नही था, फिर भी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ मसले को अपने हाथों में लेते हुए गांव की महिलाओं से बात की तथा पानी की समस्या को हल करने का वादा करते हुए चुनाव मैदान में उतरी। सौभाग्य से रिकार्ड मतो के साथ जीत हासिल की और यहीं से अपने किये वादे के मुताबित प्रथम प्रयास पानी की किल्लत दूर करने में की। उन्होंने 12 लाख की लागत से 06 स्थानों पर बोर खनन करा उनमें सबमर्सिबल पम्प स्थापित करा और पाइप लाइन के माध्यम से गांव तक पानी पहुँचाई। वहीं पूर्व से संचालित एक हेण्डपम्प में 75 हजार से सबमर्सिबल, सिन्टेक्स स्थापित कराया। पंचायत कार्यालय भवन के पीछे संचालित बोर से माध्यमिक शाला व हाईस्कूल तक पाइप लाइन विस्तार के जरिये पेयजल मुहैया कराई। आश्रित ग्राम बिशनपुर में भी बोर खनन एवं पाइप लाइन के माध्यम से यहां के निवासियों को पानी उपलब्ध कराई तो ऊपरपारा में बोरवेल सफल नही होने के कारण गर्मी के दिनों में किराए पर टैंकर लेकर लगभग 50 घरों के परिवार तक प्रतिदिन पानी की आपूर्ति कराई जाती है। वर्तमान में शासन की नलजल योजना भी पेयजल की कमी दूर करने में बड़ी आधारशिला बनी तथा 2754 की जनसंख्या वाले ग्राम में प्रतिदिन ग्रामीणों को सुलभ पानी उपलब्ध होने से उनकी समस्या दूर हो गई है। सरपंच बताती है कि उनका दूसरा प्रयास पात्र हितग्राहियों को शासन के आवास योजना का लाभ दिलाना था, जिसके तहत उन्होंने 70 पात्र परिवार को पीएम पक्का आवास दिलाया तो वर्तमान 110 आवास निर्माण का काम प्रगति पर है। ग्रामीणों के निस्तारी कार्य के लिए ग्राम में स्थित 03 तालाब, जिनमे नर्मदा सागर व शिव एवं ठाकुर तालाब पांच दशक से उपेक्षा का शिकार हो चला था और जो साफ- सफाई के अभाव में गंदगी से अटे पड़ा था। मनरेगा योजना के तहत जिनका 42 लाख की लागत से पानी निकासी करा और गहरीकरण का कार्य कराया गया व सौंदर्यीकरण से उक्त तालाब अपने अस्तित्व में लौट आया है। जल संरक्षण, संवर्धन को लेकर मनरेगा से नया तालाब, डबरी निर्माण के कार्य भी कराए गए है। इसके अलावा अन्य योजना से ग्राम की गलियों में नाली, सीसी रोड, तालाबों में पचरी, सामाजिक कार्यो हेतु सामुदायिक भवन, शासकीय भवनों में बाउंड्रीवाल, मुक्तिधाम निर्माण सहित अन्य बुनियादी विकास के कार्य कराए गए है। जरूरतमंद गरीब परिवारों को गरीबी रेखा राशनकार्ड का लाभ दिलाया, जहां उनके निर्वाचित होने बाद राशनकार्ड धारी की संख्या 624 से बढ़कर 790 हो गई है। गांव में होने वाले विभिन्न सामाजिक कार्यों पर उनके द्वारा निजी खर्च से पानी टैंकर उपलब्ध कराया जाता है, ताकि पानी की कमी से बाधा उत्पन्न न हो। सरपंच महेश्वरी तंवर की इस अनूठी पहल और ग्राम विकास के कार्यों को लेकर गांव की जनता उनकी कंठमुक्त प्रसंशा करती है और आभार जताती है कि कैसे महिला सरपंच ने अपनी प्रयास से उनकी पेयजल की विकट समस्या का समाधान किया और अनेको विकास के कार्य कराकर गांव को अलग पहचान दी।
प्रशासन से नवीन प्राथमिक शाला, सोसायटी भवन व बाउंड्रीवाल की मांग
सरपंच एवं ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम में वर्षों पूर्व निर्मित व संचालित प्राथमिक शाला भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है, जिसमे बच्चे पढ़ने जाते है। वहीं उचित मूल्य दुकान संचालन के लिए खुद का भवन नही होने से सामुदायिक भवन में शासकीय राशन दुकान संचालित किया जा रहा है। जिनके लिए नवीन भवन की अपेक्षित मांग प्रशासन से की गई है। इसके अलावा हाईस्कूल के लिए बाउंड्रीवाल की भी मांग की है।