भगवान का नाम जपना सदैव है मंगलकारी-आचार्य गोविन्द त्रिपाठी
कथा सुनाते आचार्य गोविन्द त्रिपाठी जी
कथा श्रवण में उमड़े श्रद्धालु
रायबरेली। जिले के परशदेपुर के समीप पूरे दुबे हाजीपुर में शुक्रवार को श्रीमदभागवत कथा को सुनने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कथा विश्राम दिवस पर श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ का पूजन करते हुए भगवान द्वारिकाधीश की भव्य आरती उतारी। कथाव्यास रायबरेली के अम्बिका मंदिर धाम से पधारे आचार्य गोविन्द त्रिपाठी जी ने कहा कि भगवान के नाम का जप किसी भी रूप में लिया जाय उसका प्रतिफल सदैव जीवन का कल्याण में ही निहित है। उन्होनें बताया कि वृŸाासुर राक्षस ने भी जीवन के आखिरी क्षण में अपने पुत्र नारायण नाम का जप किया तो उसे परलोक में मात्र नारायण का स्मरण करने से ही सदगति प्राप्त हुई। उन्होनें कहा कि जीवन में कथा सदैव यह सिखलाती है कि धर्म के मार्ग पर प्राणी को अटल रहना चाहिए। उन्होनें कहा कि कुसंग का एक मात्र क्षण जीवन लीला को विनाश लीला के श्राप में दुखदायी बना दिया करता है। कथा के दौरान भजन गायक टीएन चतुर्वेदी के मनमोहक राधेकृष्ण संकीर्तन में श्रद्धालु मंत्रमुग्ध दिखे। कथा के संयोजक समाजसेवी पं. शिवप्रसाद मिश्र व सह संयोजिका माया मिश्रा ने व्यासपीठ का पूजन किया। संयोजक मण्डल के धर्मराज मिश्र तथा अधिवक्ता दीपक मिश्र व करन मिश्र, गणेश प्रसाद मिश्र, अभिजीत मिश्र, सुंदरलाल मिश्र, पं. रामसेवक मिश्र ने श्रद्धालुओं की ओर से कथाव्यास आचार्य गोविन्द त्रिपाठी का सारस्वत सम्मान किया। आयोजन समिति की ओर से कथा समापन पर आल इण्डिया रूरल बार एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल व प्रतापगढ़ अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश, पूर्व अध्यक्ष विकास मिश्र एवं समाजसेवी मोनू पाण्डेय को भगवान श्रीकृष्ण का मनमोहक चित्र एवं पटिटका प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर हौंसिला प्रसाद मिश्र, गौरव मिश्र, प्रदीप मिश्र, दिनेश सिंह, शारदा प्रसाद आदि रहे। सह संयोजक उमाशंकर मिश्र ने श्रद्धालुओं का रोली तिलक अभिषेक कर महाप्रसाद वितरित किया।