बरेली I जिले में एंटी करप्शन की लगातार कार्यवाही के बावजूद रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है ।बीते कई माह से लगातार जिले में रिश्वतखोरी के मामले सामने आने के बाद अब थाना सीबीगंज के दरोगा और सिपाही पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा है । मामला संज्ञान में आने के बाद एसएसपी ने दोनों को निलंबित कर दिया है।
अब सीबीगंज थाने के दरोगा रत्नेश कुमार और सिपाही पंकज कुमार घूसखोरी के मामले में फंस गए हैं । शिकायतकर्ता से दस हजार रुपये की मांगने के आरोप में प्रारंभिक जांच के बाद एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक पांच जून को सीबीगंज थाने के गांव दौली रघुवरदयाल निवासी जाकिर हुसैन एक मामले में शिकायत करने पहुंचे थे कि क्षेत्र नंबर तीन में तैनात दरोगा रत्नेश कुमार ने उनका प्रार्थना पत्र ले तो लिया पर कोई कार्रवाई नहीं की और बाद में यह प्रार्थना पत्र आरक्षी पंकज को दे दिया।आरोप है कि सिपाही पंकज ने जाकिर हुसैन को कॉल करके कहा कि 10 हजार रुपये दे दो दरोगा जी पूरे मामले को निपटा देंगे। बातचीत के दौरान सिपाही पंकज ने तहरीर में भी कुछ बदलाव करने के लिए भी कहा।
शिकायतकर्ता ने इस मामले की शिकायत एसएसपी से की और उन्हें सिपाही पंकज से हुई बातचीत का एक ऑडियो भी दिया। एसएसपी ने मामले की जांच कराई। जिसमे जांच में पंकज कुमार द्वारा आवेदक से रुपये मांगने और दरोगा की भी इस मामले में संलिप्तता होने की पुष्टि हो गई। एसएसपी ने बृहस्पतिवार रात दोनों को निलंबित कर दिया।
इससे पूर्व में दरोगा रत्नेश कुमार पहले क्षेत्र संख्या चार में तैनात थे। इनकी रुपये के लेनदेन की शिकायतें अक्सर अधिकारियों के पास पहुंचती थीं। शिकायतें मिलने पर इंस्पेक्टर राधेश्याम ने उन्हें क्षेत्र संख्या चार से हटाकर क्षेत्र संख्या तीन में तैनाती दे दी थी। वहां भी वह इसी तरह के मामलों में पड़ गए।
18 अप्रैल को थाना क्षेत्र की एक मलिन बस्ती निवासी महिला के साथ इज्जत नगर के परतापुर चौधरी निवासी युवक ने दुष्कर्म किया था। उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया था। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आए दिन वह उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। इससे महिला गर्भवती हो गई। उसने शादी करने का दबाव बनाया तो युवक ने इनकार कर दिया।
पीड़िता ने घटना की तहरीर थाने में दी थी। आरोप है कि दरोगा रत्नेश ने मुकदमा दर्ज न करने के बदले में आरोपी पक्ष से 5.30 लाख रुपये वसूल लिए थे। इसके बाद पीड़िता उच्चाधिकारियों तक पहुंच गई। इस मामले में भी एसएसपी ने आंतरिक जांच कराई थी।