राजस्थान

चंबल पुलिया का निर्माण कार्य फिर आगे बढ़ने की आशंकाओं से लोग हुए निराश

चौमहला (झालावाड़)

*चंबल पुलिया का निर्माण कार्य फिर आगे बढ़ने की आशंकाओं से लोग हुए निराश*

 2 राज्यों की सीमाओं को जोड़ने वाला धतुरिया कुंडला के बीच स्थित चंबल नदी पुलिया 2019 की बाढ में बही

6 साल बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले को राजस्थान के झालावाड़ जिले के चौमहला कस्बे से जोड़ने वाले चंबल ब्रिज का निर्माण कार्य वर्ष 2019 में नदी की बाढ़ में पुल बहने के बाद से छह साल बीत जाने के बाद भी अभी तक शुरू नहीं हो सका है। वर्ष 2008 में 3.50 करोड़ की लागत से बना यह पुल बाढ़ में बह गया था, जिसके बाद से लोगों को सुवासरा होकर आवागमन करना पड़ रहा है, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ रहे हैं। व्यापारियों को भी परेशानी हो रही है, जिन्हें अब लंबा सफर तय करना पड़ता है।

सेतु विकास निगम ने नए पुल का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण कार्य शुरू नहीं हो सका। अब छठी प्रक्रिया में टेंडर स्वीकृत होने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ है, जबकि मई 2024 में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बाद कार्य शुरू करने की बात कही गई थी। आचार संहिता समाप्त होने के एक साल बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ है, जिससे लोगों में आक्रोश है।

बारिश करीब है और मानसून मई के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में प्रवेश करने की संभावना है, जिससे पुल का कार्य एक साल और आगे बढ़ने की आशंका है। सेतु विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस वर्ष कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन ठेकेदार की ओर से अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं किया गया है।

एसडीओ प्रवीण नरवरे ने बताया कि पुल निर्माण कार्य इसी वर्ष शुरू किया जाना है। ठेकेदार को कार्य शुरू करना है, कैसे करना है यह वह ही तय करेंगे। सेतु विभाग भी ठेकेदार पर निर्भर है, वह जब भी कार्य शुरू कर दे, तब से कार्य शुरू मान लिया जाएगा।

पुल के अभाव में लोगों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है, जो काफी जोखिमभरा होता है। पुल के निर्माण से दोनों ओर के लोगों को सुविधा मिलेगी और व्यापारियों को भी राहत मिलेगी। अब देखना यह है कि विभाग और ठेकेदार कब तक पुल का निर्माण कार्य शुरू करते हैं।

चौमहला से संवाददाता आबिद मंसूरी कि रिपोर्ट ✍️✍️✍️

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