
*16 फरवरी को डूब वासियों का हरदा में प्रदर्शन*
*डूब वासी विस्थापित संघ की खंडवा में हुई बैठक में निर्णय*
*डूब पीड़ित विस्थापितों का सरकार द्वारा पुनर्वास नीति का पालन नहीं करने का आरोप*
*डूब वासियों की सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी*
*शुक्रवार को डूबवासी विस्थापित संघ की बैठक खंडवा में हुई जिसमें निर्णय लिया की आगामी फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में इंदिरा सागर बांध के विस्थापित हरदा मे आंदोलन करेंगे। इसके पूर्व संगठन द्वारा हरसूद,किल्लौद, कालापाठा,सतवास,तथा सिंगाजी में आंदोलन किए जा चुके हे।हरदा आंदोलन में सुप्रीम कोर्ट ओर हाइ कोर्ट के वकील अनिल यादव, जगदीश साकले किसान नेता शिवकुमार कक्काजी सम्बोधित करेंगे । साथ ही क्षेत्र के विस्थापित अपनी पीड़ा साझा करेंगे।आंदोलन से जुड़े सुजानसिंह राठौर ने बताया कि इंदिरा सागर से डूबे गांवों के कुल 74 पुनर्वास स्थल पर लगातार भ्रमण कर विस्थापितों की समस्याएं एकत्रित की जा रही हे उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट खटांएंगे । अधिवक्ता डॉ डी एल बकोरिया ने कहा मध्य प्रदेश सरकार ने पुनर्वास नीति का पालन किए बिना लोगों को डूबा दिया। विस्थापित संघ के चंद्र कुमार सांड ने कहा कि हम अपनी मांगें मुख्यमंत्री और केबिनेट मंत्री विजय शाह के समक्ष रखेंगे । विस्थापित संघ के मनोज पाराशर ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन ने इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध मंजूरी के लिए विस्थापितो के हितार्थ केंद्र सरकार के आदेशानुसार पुनर्वास नीति बनाई थी परंतु मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पुनर्वास नीति का पालन किए बिना इंदिरा सागर परियोजना से प्रभावित लोगों को बेदखल कर दिया गया जिससे डूब वासियों की दशा बदतर हो रही है। बैठक में उपस्थित सुजान सिंह राठोर, चंद्र कुमार सांड , डा डी एल बकोरिया,मनोज पाराशर अखिलेश शर्मा आदि लोगों ने एक सुर में शासन द्वारा केंद्र सरकार के आदेशानुसार बनाई गई पुनर्वास नीति का पालन कर विस्थापित परिवारों को लाभ दिए जाने की मांग की।*