
कुशीनगर जिले के हाटा तहसील में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जहां अवैध रूप से दूषित पानी की पैकिंग कर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह मामला तब सामने आया जब एक चाय की दुकान से खरीदे गए पानी के पाउच में कीटाणु और शैवाल पाए गए। जांच में पता चला है कि हाटा तहसील के आसपास के गांवों में बिना किसी लाइसेंस या अधिकारिक अनुमति के पानी पैकिंग का अवैध धंधा चल रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि सभी तथाकथित कंपनियां एक ही रैपर का इस्तेमाल कर रही हैं। जिससे दूषित पानी की असली सोर्स का पता लगाना मुश्किल हो रहा है।
अधिक मात्रा में बिकता है पाउच
नगर पंचायत सुकरौली के चौक-चौराहों पर स्थित चाय की दुकानों, बेकरी, देसी शराब की भट्टियों के साथ-साथ रैली, जुलूस और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में इन पाउच का व्यापक इस्तेमाल हो रहा है।हालांकि पाउच पर स्पष्ट लिखा है कि इस पानी का उपयोग केवल हाथ धोने के लिए करें, फिर भी लोग इसे पीने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
एक जैसे रैपर की खरीददारी
जांच में यह भी सामने आया है कि सभी पैकिंग करने वाले गोरखपुर मार्केट से एक जैसे रैपर खरीदकर लाते हैं और उसी में पानी पैक करके दुकानदारों तक पहुंचा देते हैं। इस कारण दुकानदार भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि कौन सी कंपनी इस दूषित पानी की पैकिंग कर रही है। यह स्थिति जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
दुकानदार को नहीं है जानकारी
जब इस विषय पर पानी पैक करने वाले एक व्यक्ति से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि एक ही जगह से सभी लोग पाउच खरीद कर लाते हैं और पानी पैक करके मार्केट में भेज देते हैं। इसलिए पता नहीं चल पाता है कि किसका पैक किया हुआ पानी दूषित है। हालांकि पैकिंग ले समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
वैलिडिटी खत्म होने पर भी इस्तेमाल
पानी को वैलिडिटी से ज्यादा दिन रखने पर कीटाणु पड़ सकते हैं। यह पानी सिर्फ हाथ धोने के लिए ही है। उसके बावजूद भी बड़े पैमाने पर लोग पीने में उपयोग करते हैं।
लाइसेंस के बारे में पूछा गया तो युवक ने अपने बेरोजगारी की दलित देने लगा और पानी पैकिंग का वीडियो बनाने से मना कर दिया।