
- नौजवानों को समाजसेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए: मौलाना कामिल
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नोबल एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा महफ़िल-ए-दर्स-ए-कुरान का आयोजन
रुदौली, अयोध्या:
“ईश्वर के बताए हुए रास्ते पर न चलने और कुरान की तालीमात से दूर रहने की वजह से नौजवानों में मायूसी और गुमराही बढ़ रही है। देश की असली दौलत हमारे नौजवान हैं। जब ये अपनी ज़िम्मेदारियां समझेंगे और समाज की ख़िदमत करेंगे, तो अल्लाह की मदद और ताईद उनके साथ होगी।” यह बात मौलाना कामिल नदवी ने शुजागंज जामा मस्जिद में नोबल एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित दर्स-ए-कुरान की महफ़िल में कही।
मौलाना ने कहा:
“अल्लाह ने हर इंसान को आज़ाद पैदा किया है और उसे सही और ग़लत में फर्क करने की समझ दी है। अब इंसान पर है कि वह शैतान के रास्ते पर चलता है या इंसानियत का दामन थामता है।” उन्होंने कहा कि मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सहाबा के दिलों में एक-दूसरे के लिए कोई बुग़्ज़ या हसद नहीं था। उन्होंने दूसरों की ज़रूरतों को अपनी जरूरतों पर तरजीह दी। आज हमें भी उनके नक्शे-कदम पर चलने की जरूरत है।
सूरह सफ़ की तफ़सीर के हवाले से मौलाना ने बताया:
“अल्लाह नेक और सालेह बंदों को ग़ालिब करता है और ज़ालिमों को कभी रास्ता नहीं दिखाता।”
उन्होंने तवज्जोह दिलाई कि हमें नाइंसाफी और ज़ुल्म करने वालों से दूर रहना चाहिए और अल्लाह के हुक्म पर अमल करना चाहिए।
युवाओं को दी नसीहत:
मौलाना ने नौजवानों को कुरान और इस्लाम की तालीमात को अपनाने की ताकीद की। उन्होंने कहा कि अगर नौजवान समाज के लिए काम करेंगे तो दुनिया और आखिरत में उनकी कामयाबी यक़ीनी है।
महफ़िल में शिरकत:
महफ़िल में मौलाना आफताब शमीम नदवी, हाफिज आसिफ, एडवोकेट अरसलान, एडवोकेट इम्तियाज, हाजी महमूद अंसारी, हाफिज अंसार, अहमद रसूल, हाफिज अरबाज, शहजादा, इब्राहिम, कमरुद्दीन, अली हैदर और गुलरेज अंसारी समेत बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे।
आखिर में नोबल एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन के नायब सदर इमरान नदवी मिर्जा पूरी और मीडिया प्रभारी कारी मुदस्सिर दरियाबादी ने तमाम हाजरीन का शुक्रिया अदा किया।