कोरबा

PDS में बड़ा घोटाला हुआ उजागर, इतने क्विंटल गरीबों का राशन डकार गए माफिया !

कोरबा से अशोक दीवान की खास रिपोर्ट

Rice scam: पुरे माले में बड़ी बात यह है कि विक्रेता ने ग्रामीणों से अंगूठा भी लगवा लिया और चावल नहीं दिया, माफियाओं कि मंशा थी कि अगले माह आने वाले चावल को वितरित कर उनके साथ धोखाधड़ी कर लेंगे. इसी इरादे से यहां विक्रेताओं की ओर से हर माह डिले करके राशन दिया जाता है. लेकिन मामले के उजागर होने के बाद समिति संचालक मंडल में हड़कंप मच गया है.

Rice Scam: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा में राशन माफियाओं के बड़े कारनामे का पर्दाफास हुआ है. आरोप है कि यहां राशन के डकैतों ने गरीबों के 250 क्विंटल चावल को बेचकर अपनी जेबें गरम कर लीं, जिसकी वजह से गरीबों के चूल्हे ठन्डे पड़े हैं. मामला पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के ग्राम पंचायत मेराई मोहल्ला धनवरा, मुड़मिसनी का है, जहां सेवा सहकारी समिति के लोगों के साथ मिलकर विक्रेताओं ने गरीबों को वितरित किए जाने वाले राशन को चुराकर बेच दिया.

SDM पोड़ी उपरोड़ा से ग्रामीणों ने किया शिकायत।

शिकायत के उपरान्त पोड़ी उपरोड़ा SDM भारजद्वाज ने जांच कराकर भ्रष्ट संचालक को हटाकर दूसरे संचालक को बैठाया। और 102 हितग्राहियों को एक माह का राशन तत्काल में दिलवाया गया। PDS संचालक सही होने से ही ग्रामीणों को शासन की महत्वपूर्ण योजना PDS से राशन सही समय पर मिल सके और ग्रामीणों को किसी प्रकार से कोई परेसानियो का सामना करना ना पड़े।

गरीब ग्रामीणों के हक की राशन डकारकर बोधराम एवं चैन सिंह मरकाम दोनो भाई बना रहें सपनों का महल


ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच पति एवं छोटा भाई बोधराम ने हमारे हक की राशन बेचकर उसी पैसे से अपने सपने की महल को बखूबी तैयार करवाया जा रहा है। इससे साफ साफ झलक रहा है कि चैन सिंह मरकाम बोधराम मरकाम PDS राशन दुकान की काली कमाई सामने खुल कर दिख रही है। नहीं में वनांचल क्षेत्र में मजदूरी मिलना भी सौभाग्य से कम नहीं है और वनांचल क्षेत्र में ऐसी कौन सी लॉटरी लगी है जिससे दोनों भाई अपने सपनों का महल को तैयार कर पा रहा है। ग्रामीणों के कथन अनुसार चैन सिंह मरकाम एवं बोधराम मरकाम की काली कमाई से तैयार कर रहे मकान को सील कर वसूली की कार्यवाही की जाए। और भरपाई नहीं कर पाए तो दोनों भाइयों पर शासनात्मक कार्यवाही किया जाए।

अपराधियों को बचाने में जुटे खाद्य विभाग के अधिकारी
गौरतलब है कि खाद्य निरीक्षक की जिम्मेदारी है कि वह प्रतिमाह इंस्पेक्शन कर राशन वितरण की निगरानी करे, ताकि राशन समय पर कार्डधारियों तक पहुंच जाए और योजना सुचारू रूप से क्रियान्वित होता रहे. लेकिन, इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि खाद्य निरीक्षक ने लगातार रिपोर्ट क्लियर भेजा. ऐसे में सवाल पैदा होता है कि फिर इतनी बड़ी मात्रा में गरीबों का राशन कहां गया? यानी 250 क्विंटल चावल चोरी के इस मामले में खाद्य विभाग का दामन भी दाग़दार नजर आ रहा है. वहीं, इस पुरे मामले को फ़ूड इंस्पेक्टर के जरिए निपटाने और दोषियों को बचाने की कोशिस की जा रही थी, लेकिन पोड़ी उपरोड़ा SDM भारजद्वाज एवं मीडिया और कुछ जागरूक ग्रामीणों के दबाव के बाद जांच करने को तैयार हुए फ़ूड इंस्पेक्टर ने मौके पर जाकर जब जांच की, तो फ़ूड इंस्पेक्टर सरोज उरेती ने स्वीकार किया कि यहां बड़ी मात्रा में चावल की हेराफेरी कि गई है.। फिर भी दोनों भाइयों के ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई इससे साफ साफ झलक रहा है कि फूड इंस्पेक्टर की झोली गरम होने के कारण उन्होंने झूठी रिपोर्ट तैयार कर पोड़ी उपरोड़ा SDM भारजद्वाज को फाइल सौप दी गई ।

ग्रामीणों ने SDM पोड़ी उपरोड़ा से PDS संचालक बोधराम मरकाम पर जांच कर रिकवरी करने का मांग किए हैं।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!