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दत्त जयंती का पर्व आज धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाएगा,

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दत्त जयंती का पर्व आज धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाएगा,

विट्ठल मंदिर एवं मालीकुंआ स्थित दत्त मंदिर में भगवान दत्त जयंती उत्सव पर होंगे आयोजन,

खंडवा।। दत्त जयंती के पावन अवसर पर प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी श्री विट्ठल मंदिर में 14 दिसंबर, शनिवार को दत्त जन्मोत्सव मनाया जाएगा, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि पूर्णिमा शनिवार को सुबह भगवान दत्त का अभिषेक होगा।एवम शाम को 6 बजे भगवान दत्त का कीर्तन एवम कथा पंडित श्री आष्टेकर द्वारा कि जाएगी,भगवान दत्त का जन्मोत्व शाम 6 बजे मनाया जाएगा, सुनील जैन ने बताया कि दत्तात्रेय जयंती, भगवान दत्तात्रेय के जन्म की याद में मनाया जाने वाला हिंदू त्योहार है. यह त्योहार मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन भगवान दत्तात्रेय के साथ-साथ माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु, भगवान शिव, और चंद्रमा की पूजा की जाती है. दत्तात्रेय जयंती से जुड़ी कुछ खास बातेंः
दत्तात्रेय को त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का अंश माना जाता है.दत्तात्रेय कोश्रीगुरुदेवदत्त भी कहा जाता है.दत्तात्रेय के तीन सिर और छह भुजाएं हैं.दत्तात्रेय की माता का नाम सती अनुसूया था.दत्तात्रेय की पूजा से घर में सुख, शांति, खुशहाली, धन, और वैभव आता है.दत्तात्रेय जयंती के दिन दान-स्नान करना शुभ माना जाता है.दत्तात्रेय जयंती के दिन ‘गुरुचरित्र’ का पाठ और ‘श्री दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा’ मंत्र का जप किया जाता है.दत्तात्रेय जयंती पर कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, और गुजरात में दत्त भगवान की सबसे ज़्यादा पूजा होती है, मालीकुंआ स्थित प्राचीन दत्त मंदिर में भी दत्त जयंती का पर्व शनिवार को धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाएगा।

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