बेतुलमध्यप्रदेश

मारपीट और लूटपाट का आरोप लगाते हुए पीड़ितों ने एसपी को सौंपा ज्ञापन, जयस ने निष्पक्ष जांच की मांग की

मारपीट और लूटपाट का आरोप लगाते हुए पीड़ितों ने एसपी को सौंपा ज्ञापन, जयस ने निष्पक्ष जांच की मांग की

बैतूल शाहपुर क्षेत्र में वन विभाग के रेंजर और कर्मियों द्वारा ग्रामीणों पर अतिक्रमणकारी और शिकारी होने का आरोप लगाकर मारपीट और लूटपाट किए जाने के मामले में पीड़ित ग्रामीणों ने एसपी कार्यालय में शिकायत की। ग्रामीणों का आरोप है कि वनकर्मियों और कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया, जिसमें करीब दो दर्जन ग्रामीण घायल हुए हैं। घटना के बाद जयस ने निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 6 नवंबर को वनकर्मियों ने ग्राम सेल्दा के कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्हें अतिक्रमणकारी बताकर उनकी 6 से 7 झोपड़ियां तोड़ दीं। इसके अलावा, झोपड़ियों के पास बैठे ग्रामीणों को लात-घूंसे मारकर उठाया और जैसे ही वे लोग जाने लगे, उन्हें पकड़-पकड़कर बुरी तरह पीटा। इस हमले में सुभाष, सम्भुलाल, जाकाढाना निवासी रतिया बाई और सोबू बीजादेही निवासी किशोरी जैसी कई महिलाएं एवं पुरुष घायल हो गए।

लूटपाट के भी आरोप: मोटर साईकल, मोबाइल और नकदी छीनी

ग्रामीणों के अनुसार, इस घटना के दौरान वनकर्मियों ने फुलचंद कुमरे का मोबाइल, नीलेश चौहान की मोटर साईकल और मोबाइल, बिसराम की मोटर साईकल, मोबाइल और 500 रुपए, बलराम कुमरे की मोटर साईकल और जीवन इरपाचे की मोटर साईकल लूट ली। घटना के बाद वनकर्मियों ने करीब 25 ग्रामीणों को गाड़ियों में भरकर भौरा ले जाकर 2 घंटे तक बंद रखा और फिर शाहपुर के रेंज ऑफिस में लाकर 2-3 घंटे तक बंद रखा। शाम को करीब 6-7 बजे 21 ग्रामीणों को छोड़ दिया गया, लेकिन 4 ग्रामीणों पर शिकार और जंगल काटने का मामला बना दिया गया।

पुलिस पर भी आरोप

घटना के बाद कुछ ग्रामीण बीजादेही थाने पहुंचे और वहां रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। इस पर ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि वनकर्मियों ने उन्हें थाने में शिकायत दर्ज करने से भी रोका और उनके खिलाफ फर्जी मामले बनाए।

एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए ग्रामीणों ने अपनी लूटी गई सामग्री, मोटर साईकल, मोबाइल और नकदी को वापस दिलाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर घायल ग्रामीणों का मेडिकल परीक्षण कराने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में बजारी अखण्डे, कलराम बारस्कर, चिरोंजी काकोडिया, लखन काजले, शेरसिंग अखण्डे, सुनीता मर्सकोले, हेमलता तेकाम, इमरती बाई, सरपंच मिश्रीलाल कास्दे, पतीराम मर्सकोले, शिवबती धुर्वे, सरिता अखण्डें शामिल थे।

आवेदन के अनुसार मारपीट की इस घटना में जाकाढाना निवासी सुभाष सम्भुलाल, रतिया बाई बीजादेही, किशोरी फगना, फूलचंद अंखडे बीजादेही, सरस्वती लखनलाल सीताडोंगरी, सुशीला तारा सिंह बीजादेहीं, फुलवंती कुन्दनलाल छिन्दीखापा, सुनीता मेलराम बीजादेही, सोमी दरियाव रतनढाना, रामजी मशु रतनढाना, शांति गुलाब सीताडोंगरी, शिवदयाल प्रेमसिंह सीताडोंगरी, छतन मंगल इवने सीताडोंगरी, कालू बिहरी बारस्कर सीताडोंगरी, रामजी मंसु धुर्वे रतनढाना, प्यारेलाल मैंगल सीताडोंगरी, जीवन नंदू खपरिया, नीलेश फूलचंद खपरिया, राजेश मुन्जी महेश, रूपचंद अखण्डे सीताडोंगरी, रमेश परसराम कलमे खपरिया, रामप्रसाद मल्लु काजले जाकाढाना, मुन्नी पतिराम काजले जाकाढाना, गोविंद।गोपाल अखण्डे जाकाढाना, जयनारायण मुंशी अखंण्डे जाकाढाना घायल हुए।

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