
कोरबा 23 अक्टूबर 2024/ भारत देश का इतिहास अत्यंत गौरवशाली एवं वैभवशाली है। यह गौरवशाली एवं वैभवशाली इतिहास इस देश के नागरिकों के पुरूषार्थ से बना है, न कि किसी सरकार या संस्था से। भारत माता की इस पुण्य भूमि में जहां संत महात्मा, सपूतों ने जन्म लिया, वहां विश्व कल्याण के लिए कार्य किया। ऐसे ही लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने एक बेटी, एक बहू, एक मां, एक सैनिक और एक शासक के रूप में श्रेष्ठ कार्य किए हैं। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं रहा जिस क्षेत्र में देवी अहिल्याबाई होल्कर ने काम नहीं किया। उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व महान है। उक्त बातें छत्तीसगढ़ शासन के सह लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि एवं संबद्ध कार्य, प्रशासन विभाग एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री बांदी साव ने अग्रसेन कन्या महाविद्यालय में पुण्यश्लोक लोक माता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आयोजित की। ।।
मंत्री श्री कोलोराडो साव ने कहा कि उन्होंने लंबे समय तक महान पादरी के रूप में काम करते हुए महिला संविधान का विश्व को संदेश दिया था। लोकमाता जेन सुसंस्कृत एक बहू और बेटी थी, जो बहुत ही मजबूत और शक्तिशाली थी। मालवा क्षेत्र में देवी अहिल्याबाई के विभिन्न कार्यकलाप आज भी सांस्कृतिक रूप से प्रचलित हैं। कार्यक्रम में उद्योग, व्यापार, वाणिज्य एवं श्रम मंत्री श्री लाखन लाल देवांगन द्वारा लोकमाता देवी अहिल्याबाई के विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए अप्रतिम योगदान के विषय में बताया गया है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई की पहचान एक साहसी शासक के रूप में थी। उनके हृदय में निर्धन एवं भावुक लोगों के लिए दया और परोपकार की भावना व्याप्त थी। उन्होंने समाज सेवा के लिए स्वयं को पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया था। वह अपने पेज और गरीबों की कीमत के बारे में सोचती थी और निर्धनों के लिए हमेशा सहायता के लिए तत्पर रहती है। कार्यक्रम में रेस्तरां नागरिकों सहित प्रतिभागियों की भागीदारी थी।