कोरबा/पाली :- ग्रामीण जनता को जरूरी सुविधाएं देने के लिए शासन- प्रशासन भले ही लाखों रुपए विकास योजनाओं के लिए पंचायत को जारी करती है। लेकिन भ्रष्ट्राचार की मंशा के चलते उन योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर बेहद कम ही हो पाता है। इसकी एक बानगी पाली जनपद पंचायत के लाफा ग्राम पंचायत में देखने को मिला। यहां की निर्वाचित सरपंच ने जनपद अधिकारियों की मिलीभगत से सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग कर 7 लाख 33 हजार पंचायत खाते से निकाल गबन कर लिया। इसको लेकर सचिव, उपसरपंच, पंचो ने कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपा उचित कार्रवाई की मांग की है।
मामला सोमवार को जनपद पंचायत पाली के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत लाफा का है, जहां के उपसरपंच, सचिव और पंचों ने यहां की सरपंच संगीता सिंह व जनपद पंचायत कार्यालय के अधिकारियों के खिलाफ 7 लाख 33 हजार रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए तत्काल दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग कलेक्टर से की है। अपने लिखित शिकायत में ग्राम पंचायत सचिव दूजे कुमार सिंदे, उपसरपंच लक्षमण पंथ सहित सभी पंचो व ग्रामवासियों ने कहा है कि ग्राम सभा मे बिना प्रस्ताव पारित हुए और बिना सचिव के जानकारी सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग कर 7 लाख 33 हजार की रकम सरपंच ने 15वें वित्त आयोग खाते से निकालकर बंदरबांट कर लिया है। जिसकी लिखित शिकायत सचिव दूजे सिंदे ने 06 मार्च को जनपद पंचायत पाली के सीईओ भूपेंद्र सोनवानी और 03 अप्रैल को पाली थाने में दी है एवं उक्त को दंडित करने की मांग की है। पूरे मामले को लेकर सबसे गंभीर विषय यह है कि ग्राम सरपंच के साथ साथ जनपद पंचायत के अधिकारियों पर भी आरोप लगाया गया है तथा शिकायत सीधे तौर पर कलेक्टर से की गई है। गबन मामले को लेकर उपसरपंच लक्षमण पंथ का कहना है कि सरपंच द्वारा तात्कालीन सचिवों से सांठगांठ कर पंचायत मद की राशि का मनमाना दुरुपयोग किया गया है तथा वर्तमान सचिव दूजे सिंदे ने सरपंच की मनमानी में साथ देने से मना कर दिया तो सरपंच ने जनपद अधिकारियों से सांठगांठ कर सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग कर गबन को अंजाम दिया। उन्होंने कहा है कि यदि सरपंच संगीता के अबतक कार्यकाल के पंचायत कार्यों की निष्पक्ष जांच की जाए तो अनेको गड़बड़ियां उजागर होगी। बहरहाल कलेक्टर ने उचित जांच व कार्रवाई का भरोसा दिया है।