योग से रहें निरोग-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
योग, एक परिवर्तनकारी अभ्यास है, जो मन और शरीर के सामंजस्य, विचार और क्रिया के बीच संतुलन और संयम और पूर्ति की एकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह शरीर, मन, आत्मा और आत्मा को एकीकृत करता है, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है जो हमारे व्यस्त जीवन में शांति लाता है। परिवर्तन करने की इसकी शक्ति ही है जिसका हम इस विशेष दिन पर उत्सव मनाते हैं।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। ‘योग’ शब्द संस्कृत से लिया गया है और इसका अर्थ है जुड़ना या एकजुट होना, जो शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है।आज यह विश्व भर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ रही है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, राकेश दक्ष एडवोकेट, बृजेश शुक्ला एडवोकेट, डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट, मीरा एडवोकेट आदि ने कहा कि योग केवल व्यायाम के बारे में नहीं है; यह खुद, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना को खोजने का एक तरीका है।
उन्होंने कहा कियोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में संतुलित रवैया बनाए रखने के तरीके विकसित करता है और व्यक्ति के कामों को करने में कुशलता प्रदान करता है।माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जून, 2015 को ‘सद्भाव और शांति के लिए योग’ थीम पर प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में दो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स भी दर्ज किए गए, एक तो एक ही स्थान पर एक ही सत्र में 35,985 लोगों द्वारा योगाभ्यास करने का, तथा दूसरा एक योग कार्यक्रम में सर्वाधिक राष्ट्रीयताओं के लोगों के भाग लेने का है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ