*कर्मचारियों की कमी से किसानों को हो रही परेशानी, अधिकारी के गैरजिम्मेदाराना बयान से बढ़ा आक्रोश*
जिले का प्रमुख मिट्टी जांच प्रशिक्षण केंद्र पिछले एक साल से बंद पड़ा है, जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र के बंद होने का मुख्य कारण कर्मचारियों की कमी है, लेकिन हाल ही में एक किसान द्वारा सवाल पूछे जाने पर कृषि विस्तार अधिकारी का गैरजिम्मेदाराना बयान सामने आया है। अधिकारी ने कहा, हमारे पास कर्मचारी नहीं है इसलिए 1 साल से बंद है।
स्थानीय किसान, ने बताया, “मिट्टी की सही जानकारी के बिना हमें समझ नहीं आ रहा कि कौन सी खाद और उर्वरक का प्रयोग करें। हमारी फसल की पैदावार पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि मिट्टी की नियमित जाँच से न केवल फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि किसान अपनी लागत भी कम कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए आवश्यक है कि प्रशासन शीघ्र ही समाधान निकाले। अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति या अन्य संसाधनों का उपयोग कर केंद्र को फिर से शुरू किया जा सकता है।
किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार और संबंधित विभागों को शीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए ताकि कृषि क्षेत्र में सुधार हो सके और किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके।
इस घटना से किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है, और वे उचित कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
“`