
संजय पारधी बल्लारपूर
बल्लारपूर शहर मे जगह जगह पर अतिक्रमण ही अतिक्रमण हो रहा है आये दिन शहर मे हादसे बढ रहे है कारण है बढता अतिक्रमण और पार्किंग की अव्यवस्था दिखाई दे रही है रेल्वे स्टेशन और बस स्टॅन्ड छोडकर कही भी पार्किंग की व्यवस्था नही है यही कारण है हादसे होने का ऐसे क्यो यह बातो का नगरपालिका का ध्यान नही है लोग जगह नही होने के कारण रोड पर अपनी गाडी को पार्क करते है इसके वजह से लोगो को वाहन चलाने में तो दिक्कत हो रही है पैदल चलने मे भी परेशानिया उठानी पड रही है जैसे की पुरानी बस्ती मे पैदल चलने वाली जगह नही है नागरिक को रोड पर चलना पडता है बालाजी कॉम्प्लेक्स ,नगर परिषद चौक, पुराना बस स्टॅन्ड,रेल्वे चौक ऐसे अलग अलग जगह मे बालाजी गुप्ता कॉम्प्लेक्स तथा बालाजी हॉल की वजह से आये दिन छोटी-मोठी दुर्घटना हो रही है जिस वजह से पैदल चलने वालो को भी मुश्किलो का सामना करना पड रहा है शहर के मार्ग मे गुप्ता कॉम्प्लेक्स तथा बालाजी हॉल के सामने से गुजरने वाले मार्ग का नाम आता है इस मार्ग से दिन भर छोटे बडे वाहन तथा पैदल रहा गिर जान हथेली पर रक्कर आना जाना करते है मुश्किल तो तब निर्माण होती है जब बालाजी हॉल मे कोई शादी या रिसेप्शन का कार्यक्रम होता है तब इसी मार्ग के दोनो और कार, टू व्हीलर पार्क की जाते है मार्ग पहिले ही छोटा है तथा उस पर मार्ग के दोनो और पार्किंग की वजह से सभी को आवाज मे मुश्किलो का सामना करना पडता है नगरपालिका के निर्माण विभाग द्वारा बालाजी हॉल की पार्किंग को बालाजी मंदिर के प्रांगण मे दर्शया गया है लेकिन नगरपालिका द्वारा पारित नक्षk बतागर मुक्त हॉल का निर्माण किया गया तथा बाउंड्री वॉल बनाकर पार्किंग की जगह पर बगीचे का निर्माण किया गया है बालाजी मंदिर कमिटी की ओर से सन 2000 में इस हॉल का निर्माण कर इसका नाम इंदिरा गांधी कामगार भवन रखा गया था ऐसा ही कारनामा यहा बालाजी हॉल के ठीक बाजूने स्थित गुप्ता कॉम्प्लेक्स के निर्माता द्वारा किया गया है इस कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए नगरपालिका द्वारा जो नक्शा पारित किया गया था उससे कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट के आदेश से पार्किंग की जगदर्शाही गयी थी लेकिन यहा के यहा भी कॉम्प्लेक्स के निर्माता गुप्ताने पार्किंग की जगह पर दुकानो का निर्माण कर पार्किंग की जगह को ही नक्षे से गायब कर दिया मजेदार बात ये है कि नक्षे के अनुसार काम न होने पर भी इस गुप्ता कॉम्प्लेक्स के अवैध निर्माण को निर्माण कार्यपूर्ती प्रमाणपत्र दिया गया है सन 2001 से 20 कॉम्प्लेक्स को आज तक अनोखे नोटीस दिये गये है लेकिन कारवाई के नाम पर बस नगरपालिका ने नोटीस भेजना ही अपना कर्तव्य समजा उसके आगे नगरपालिका ने आगे नगरपालिका एकदम भी नही बडा सखी दोनो निर्माण रसुकतार लोगो ने लोगो के होने की वजह से तथा राजनीतिक व तंत्र के चलते इन दिनो दोनो अवैध निर्माण पर आज तक कोई कारवाई नही हुई है ऐसे लग रहा है की बल्लारपूर शहर मे नगरपालिका नही है!