
अंबेडकरनगर
दमकल विभाग चालक, कर्मचारियों और संसाधन की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में आग की घटनाओं की सूचना पर समय से पहुंचना मुश्किल है। दो माह में जनपद में 286 आग लगने की घटनाओं में 250 एकड़ गेहूं की फसल के साथ दो करोड़ से अधिक संपत्ति का नुकसान हुआ है।
लगभग एक दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत हो गई है। हालांकि दमकल कर्मियों ने डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति को जलने से बचाया भी है। लेकिन संसाधनों की कमी ने विभाग के साथ लोगों की भी मुश्किलें बढ़ा रखी हैं।
जिला मुख्यालय पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी कार्यालय के साथ ही आलापुर, टांडा, जलालपुर में फायर स्टेशन है। भीटी में कई दशक बाद भी फायर स्टेशन नहीं बन सका है। चालकों की कमी भी विभाग को अखर रही है। इस इलाके में आग की घटना होने पर दमकल की गाड़ियों को पहुंचने में अकसर काफी देर हो जाती है। इससे पीड़ित को नुकसान उठाना पड़ता है तो कर्मचारियों को देरी से पहुंचने पर लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है।
22 दमकल के सापेक्ष 13 वाहन
जनपद की 28 लाख से अधिक आबादी में आग लगने पर उसे बुझाने के लिए 22 दमकल वाहनों के सापेक्ष केवल 13 वाहन ही मौजूद हैं। साढ़े चार हजार व पांच हजार लीटर के चार वाटर टेंडर की जगह दो व ढाई हजार लीटर की क्षमता के चार उपलब्ध हैं। चार हाईप्रेशर पंप की तुलना में केवल एक मौजूद है। चार टनर वाटर हाई प्रेशरपंप वाहन के सापेक्ष महज एक ही उपलब्ध है। इससे कई बार बड़ी आग की घटनाओं में विभाग की मुश्किलें उठानी पड़ती हैं।
110 कर्मियों के सापेक्ष 76 की तैनाती
जनपद में अग्निशमन विभाग में 110 कर्मियों के सापेक्ष 76 कर्मचारियों की तैनाती है। अग्निशमन अधिकारी के स्वीकृत चार पद के सापेक्ष सभी पद रिक्त हैं। अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पांच पद की तुलना में दो पद पर ही तैनाती है, जबकि तीन पद रिक्त चल रहे हैं। लीडिंग फायरमैन के नौ पदों की तुलना में चार पद खाली है। 69 फायरमैन के सापेक्ष 57 पदों पर तैनाती है, 12 पद खाली चल रहे हैं। रसोइया के चार और सफाईकर्मी के दो पद खाली हैं।
शासन को भेजा गया पत्र
जितने संसाधन मिले हैं उसके अनुरूप बेहतर कार्य किया जाता है। कर्मचारी व संसाधनों की कमी को लेकर शासन को पत्र भेजा गया है।- जेपी सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी