कुशीनगर/जिले के अलग-अलग इलाकों में मंगलवार को आग ने जमकर तांडव मचाया। सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग क्षेत्रों में हुई अगलगी से 135 परिवार बेघर हो गए। उनके आंखों के सामने ही रिहायशी झोपड़ी और उसमें रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।
तेज हवा के कारण फैली आग के बीच लोगों को कोई भी सामान घरों से निकालने का मौका नहीं मिला। लोग आग में सब कुछ जलने के कारण बेघर होकर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए।
42 डिग्री सेल्सियस तापमान और सूरज की तपिश के बीच अग्निपीड़ित खुद को संभाल भी नहीं पा रहे थे। आग की राख ठंडी हुई तो वहां पहुंचे अग्निपीड़ित राख में कीमती सामान ढूंढ़ते नजर आए।मंगलवार की सुबह इन गांवों के लोग काफी सुकून में थे। दिन चढ़ा तो तापमान भी चरम पर पहुंचने लगा। अज्ञात कारणों से लगी आग में तेज पछुआ हवा ने घी डालने का काम किया। एक के बाद एक रिहायशी झोपड़ियों को अपनी आगोश में लेने के बाद आग ने जलाकर राख में तब्दील कर दिया।पटहेरवा गांव निवासी जगरनाथ, बुनेला व जयश्री का कहना था कि अभी वे लोग आग पर काबू पाने की तैयारी में ही थे कि थोड़ी देर में पछुआ हवा के कारण आग ने सब कुछ जलाकर राख कर दिया।
इस तपती धूप के बीच वह खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। आगलगी में उनका घर-गृहस्थी का सामान जलकर राख हो गया है। खड़डा के बरवारतनपुर गांव में आग बुझाते समय अचानक रसोई गैस सिलिंडर फटने से अफरा-तफरी मच गई। तीन लोग झुलस गए।