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मोक्ष की और अग्रसर आचार्य श्री ,संसार के प्रत्येक जीव के कल्याण की भावना रखने वाले, जन-जन के भगवन आचार्य हुए ब्रह्मलीन

भोपाल । रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
समस्त जैन समाज को स्तब्ध करने वाला समाचार प्राप्त हुआ युग दृष्टा ब्रहमांड के देवता संत शिरोमणि आचार्य प्रवर श्री विद्यासागर जी महामुनिराज 17 फरवरी शनिवार तदनुसार माघ शुक्ल अष्टमी के दिन रात्रि में 2:35 बजे हुए ब्रह्मलीन हो गए।
सबके प्राण दाता राष्ट्रहित चिंतक परम पूज्य गुरुदेव ने विधिवत सल्लेखना बुद्धिपूर्वक धारण कर ली थी। पूर्ण जागृतावस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन के उपवास गृहण करते हुए आहार एवं संघ का प्रत्याख्यान कर दिया था एवं प्रत्याख्यान व प्रायश्चित देना बंद कर दिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था। 6 फरवरी मंगलवार को दोपहर शौच से लौटने के उपरांत साथ के मुनिराजों को अलग भेजकर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी से चर्चा करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ले ली और उसी दिन आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने आचार्य पद के योग्य प्रथम मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर जी महाराज को योग्य समझा और तभी उन्हें आचार्य पद दिया जावे ऐसी घोषणा कर दी थी जिसकी विधिवत जानकारी समाज को दी जाएगी।गुरुवारश्री जी का डोला चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ में दोपहर 11 बजे निकाला जाएगा,एवम् चन्द्रगिरि तीर्थ पर ही पंचतत्व में विलीन किया जायेगा ।सल्लेखना के अंतिम समय समाज के वरिष्ठ जन उपस्थित रहे। मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री डॉ मोहन यादव एवं पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर आचार्य श्री को श्रद्धांजलि दी है ।मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री डॉ मोहन यादव एवं पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर आचार्य श्री को श्रद्धांजलि दी है ।

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