
,,महापौर की पौधारोपण को लेकर एक अच्छी पहल,,
खंडवा के नवकार नगर क्षेत्र में तीन एकड़ शासकीय बंजर भूमि पर लगा हरा भरा जंगल,
शहर को सुंदर एवं हरा भरा करने के लिए हजारों पौधे निगम द्वारा लगाए जाएंगे, महापौर अमृता यादव
खंडवा।। नगर निगम महापौर अमृता अमर यादव के मार्गदर्शन में निगम प्रशासन द्वारा जहां स्वच्छता को लेकर नवाचार करते हुए कई नए प्रयोग किये जा रहे हैं, वही ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए हजारों की संख्या में बंजर जमीन पर हरा भरा जंगल लगाकर उनका रख रखाव करते हुए उन्हें हरा भरा किया गया है, आज गर्मी के दिनों में भी लगाए गए पेड़ हरे-भरे नजर आ रहे हैं, समाजसेवी व प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया की इच्छा शक्ति हो तो हर असंभव कार्य को संभव किया जा सकता है। महापौर अमृता अमर यादव के मार्गदर्शन में निगम प्रशासन जिला प्रशासन के सहयोग द्वारा नवकार नगर क्षेत्र में शासकीय भूमि 3 एकड़ जहां लगातार अतिक्रमण हो रहा था उसे हटाकर उस बंजर भूमि पर बड़े स्तर पर पौधरोपण का कार्य किया गया जिसका परिणाम है कि आज शहर में गर्मी के दिनों में भी हरा भरा सुंदर जंगल नजर आ रहा है। उद्यान की सफलता को लेकर महापौर अमृता यादव ने हर्ष जाहिर करते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा एवं कुदरती ऑक्सीजन के लिए पेड़ जरूरी है हमारा पेड लगाने का यह अभियान सतत चलता रहेगा, आने वाले समय में शासकीय भूमि पर हजारों की संख्या में पौधा रोपण करने का हमारा लक्ष्य है। मेरी आमजन से भी अपील है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण कर उसे बड़ा करें। प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि बदलते पर्यावरण के स्वरूप को देखते हुए खंडवा नगर निगम ने एक अनूठी पहल की है, शहर के भीतर राजस्व की तीन एकड़ बंजर जमीन को घने जंगल के रूप में तैयार किया जा रहा है। मेहनत और समर्पण की वजह से निगम ने जंगल जैसा वातावरण तैयार कर लिया है । हजारों पेड़ लगाए हैं जिनकी हाइट 10 से 15 फीट हो चुकी है। जापान की मियावा की पद्धति और जीवामृत खाद इन पौधों के लिए वरदान बनी है। यह जो हरे भरे पेड़ आपको दिखाई दे रहे हैं यह किसी जंगल का नजर नहीं है बल्कि खंडवा नगर निगम क्षेत्र में स्थित बंजर भूमि पर पौधों से पेड़ बन कर तैयार है भीषण गर्मी के बीच हरियाली आंखों को तो सुकून देती है, साथ ही वातावरण को भी ठंडा करती है।इन पेड़ों के बीच में आकर प्रकृति की खूबसूरती देखते ही बनती है, नगर निगम खंडवा ने इन पेड़ों को लगाने के लिए 3 साल पहले प्लानिंग की थी, और आज यह निगम का यह प्रयास सफलता की ओर महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन पौधों में जीवामृत खाद डाला गया , हर पौधे में 50 ग्राम की मात्रा में इस खाद का उपयोग किया गया। यह खाद गोमूत्र , बेसन , गुड़ और छांछ मिलकर 15 दिन रख कर तैयार किया जाता है। कोरोना काल में हमने देखा है कि ऑक्सीजन की क्या उपयोगिता थी। इसलिए पेड़ बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, यह हमे ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, कार्बन डाइऑक्साइड को सोखते हैं, हवा को साफ करते हैं, और जलवायु को नियंत्रित करते हैं। वे मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और पानी को साफ करते हैं। पेड़ हमें छाया और आश्रय भी प्रदान करते हैं और विभिन्न प्रकार के जीवन के लिए आवास प्रदान करते हैं। सुनील जैन ने बताया कि महापौर अमृता अमर यादव की मार्गदर्शन में नगर निगम ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर इस बंजर भूमि पर 5700 पौधे लगाए थे जिसमें से 95 प्रतिशत पौधे अब पेड़ बन गए है। जापान की मियावाकी पद्धति, से निगम ने यह वन तैयार किया है। यह पद्धति वनरोपण की एक तकनीक है, जिसमें एक छोटे से क्षेत्र में देशी वृक्ष प्रजातियों को बहुत पास-पास लगाकर सघन वन बनाए जाते हैं। यह शहरी वनीकरण के लिए एक प्रभावी तरीका है। राजस्व की खाली पड़ी इस भूमि पर निगम के उद्यान विभाग ने अपने तीन कर्मचारियों सुपरवाइजर प्रशांत मिश्रा के साथ ही जयंत, सुमित को लगाया जिसकी देख रेख पूरी ईमानदारी के साथ यह लोग कर रहे हैं , यहां पर फलदार , झड़नुमा , बेलनुमा और छायादार 5700 पौधे लगाए थे इसमें पीपल , बरगद , नीम , अशोक , शीशम , काला शीशम , विलायती इमली , नींबू , गुलाब , जैसे फल और फूल देने वाले पौधे लगाए है।