
राष्ट्रीय लोक अदालत में 2,52,514 वादों का निस्तारण
मथुरा में हुआ सफल आयोजन, करोड़ों रुपये की प्रतिकर राशि दिलाई गई
मथुरा। शनिवार को जनपद न्यायालय, राष्ट्रीय लोक अदालत में 2,52,514 वादों का निस्तारण
मथुरा में हुआ सफल आयोजन, करोड़ों रुपये की प्रतिकर राशि दिलाई गई
मथुरा। शनिवार को जनपद न्यायालय, मथुरा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिथुरा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें 2,52,514 वादों का निस्तारण किया गया। इस अवसर पर माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति श्री संजय कुमार सिंह, प्रशासनिक न्यायमूर्ति, मथुरा की गरिमामयी उपस्थिति रही। लोक अदालत का शुभारंभ उन्होंने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया।
कार्यक्रम में जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा श्री आशीष गर्ग, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय श्री आशीष जैन, मोटर दुर्घटना प्रतिकर न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी श्री राजेश चौधरी, अपर जिला जज/नोडल अधिकारी लोक अदालत श्री अभिषेक पाण्डेय, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला जज श्री सुरेन्द्र प्रसाद, अध्यक्ष बार एसोसिएशन श्री प्रदीप शर्मा, सचिव बार एसोसिएशन श्री शिव कुमार लवानियाँ सहित न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण, अधिवक्तागण व वादकारीगण उपस्थित रहे।
विभिन्न प्रकार के वादों का हुआ निस्तारण
इस लोक अदालत में कुल 3,16,521 वाद निस्तारण हेतु सूचीबद्ध किए गए थे, जिनमें से 2,52,514 वादों का निस्तारण किया गया।
सिविल वाद – 39 वादों का निस्तारण जनपद न्यायाधीश श्री आशीष गर्ग द्वारा किया गया।
पारिवारिक वाद – प्रधान न्यायाधीश श्री आशीष जैन ने 50 पारिवारिक वाद, जबकि अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश श्रीमती पूनम पाठक ने 10 पारिवारिक व 16 फौजदारी वादों का निस्तारण किया।
मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद – 132 मामलों में ₹12,94,25,600/- प्रतिकर राशि पीड़ित पक्षकारों को दिलाई गई।
फौजदारी वाद – 6,741 मामलों में ₹1,91,800/- का अर्थदंड व 42,322 लघु आपराधिक मामलों में ₹7,85,570/- का अर्थदंड वसूला गया।
चैक बाउंस वाद – 48 मामलों में ₹1,51,94,721/- की भुगतान राशि पक्षकारों को दिलाई गई।
विद्युत अधिनियम वाद – 97 मामले, 446 विद्युत अधिनियम अंतिम आख्या, 4 आर्बिट्रेशन वाद, 113 अंतिम आख्या, 22 उपभोक्ता फोरम वाद, 168 अन्य वादों का निस्तारण किया गया।
प्री-लिटिगेशन वादों में भी बड़ी सफलता
विभिन्न बैंकों, मोबाइल कंपनियों व वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रस्तुत किए गए 777 प्री-लिटिगेशन मामलों का भी निस्तारण किया गया, जिनमें ₹5,07,33,687/- की वसूली की गई।
इसके अलावा, जिला व तहसील स्तर पर प्रशासनिक न्यायालयों व विभागों द्वारा 2,01,473 प्री-लिटिगेशन वादों का समाधान किया गया। वैवाहिक प्री-लिटिगेशन वादों में 2 मामलों का भी निस्तारण हुआ।
जिला कारागार के बंदियों के उत्पादों की बिक्री
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार, जिला कारागार, मथुरा के सहयोग से जेल में बंदियों द्वारा निर्मित वस्त्र व अन्य सामग्री की प्रदर्शनी एवं बिक्री हेतु न्यायालय परिसर में स्टॉल लगाई गई।
इस स्टॉल में ठाकुरजी की पोशाक, मुकुट, हथकरघा की साड़ियां, गमछे, तौलिए, धोती-दुपट्टा, गुलाल, एलईडी बल्ब व दीया-बत्ती आदि प्रदर्शित किए गए। माननीय न्यायमूर्ति, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं व वादकारियों ने इन उत्पादों को खरीदा और इस पहल की सराहना की।
राष्ट्रीय लोक अदालत का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा श्री सुरेन्द्र प्रसाद ने सभी उपस्थित न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, वादकारियों, बैंक प्रतिनिधियों व कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायिक प्रक्रिया को सुगम, त्वरित व प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और भविष्य में भी इसे और प्रभावी बनाया जाएगा।