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रिपोर्टर= भव्य जैन
21 फरवरी 2025 को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’’ के उपलक्ष्य पर केशव विद्यापीठ में मातृभाषा मे व्यवहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मातृभाषा में हस्ताक्षर अभियान तथा भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई, साथ ही विद्यार्थियों से स्वभाषा में सृजनात्मक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी करवाया गया जिसका विषय था ‘‘मातृभाषा का महत्व’’। मातृभाषा से किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहचान होती है और उसे आगे बढ़ाने में सहायक होती है। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है क्योंकि मातृभाषा में शिक्षा बालक के मानसिक एवं बौद्धिक विकास में सहायक होती है।
‘‘‘मातृभाषा में हस्ताक्षर’’ अभियान अंतर्गत अभिभावकों व शिक्षकों द्वारा मातृभाषा में हस्ताक्षर करवाए गए। हम जानते है कि हमारी मूल संस्कृति का प्रमुख अंग मातृभाषा ही है। विद्यालय परिवार द्वारा अभिभावकों से आव्हान किया गया कि वे अपने हस्ताक्षर मातृभाषा में करें तथा बैंकों अथवा शासकीय कार्यो में तथा किसी भी कार्यशाला, संगोष्ठी अथवा परिसंवाद में स्वभाषा का प्रयोग करें तथा सम्पर्क अभियान कर दूसरों को भी मातृभाषा का उपयोग करने हेतु अनुरोध करें जिससे हममें अपनी मूल संस्कृति के प्रति गौरव का भाव जागृत हो।