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त्रिलोक न्यूज़ उज्जैन ब्यूरो चीफ
*महाकाल दर्शन के दौरान VIP ने बेटी को गर्भगृह में कराया प्रवेश, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप*
*मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार की हर कोशिश फेल*
*1 दिन पहले ही कलेक्टर ने उतारी थी अफसरों की फौज*
*दो दिन पहले जल द्वार पर मोबाइल लाकर स्थापित कराया*
महाकाल मंदिर में वीआईपी दर्शन व्यवस्था आम लोगों के साथ ही अधिकारियों के लिए भी परेशानी खड़ी कर रही है। ताजा मामला सामने आने के बाद आरोपी शख्स का पता लगाया जा रहा है।
गर्भगृह की दहलीज से दर्शन करने आए एक वीआईपी ने अपनी बेटी को गर्भगृह में प्रवेश करा दिया और स्वयं वीडियोग्राफी करते रहा।
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद अफसरों को इसकी जानकारी मिली। इसके बाद मंदिर में हड़कंप मच गया, क्योंकि एक दिन पहले ही व्यवस्था में सुधार के लिए कलेक्टर ने अफसरों की पूरी फौज को मंदिर में तैनात किया है। वीडियो के आधार पर मंदिर समिति संबंधित व्यक्ति का पता लगा रही है।
महाकाल मंदिर में गर्भगृह की दहलीज से लागू वीआईपी दर्शन व्यवस्था नासूर बनती जा रही है। वीआईपी दहलीज से दर्शन के बाद यहीं खड़े हो जाते हैं तथा भगवान के साथ फोटो व वीडियोग्राफी करते हैं।
कुछ लोग दहलीज लांघकर गर्भगृह में घुस जाते हैं। कुछ समय पहले एक युवक गर्भगृह में प्रवेश कर गया था, उसने भगवान को स्पर्श भी कर लिया था। पुजारियों ने उस युवक को पकड़ा और पुलिस के हवाले किया गया।
बावजूद इसके मंदिर प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया और दहलीज से दर्शन की व्यवस्था निर्बाध चलती रही है। बुधवार को एक बार फिर एक वीआइपी ने अपने बच्चे को गर्भगृह में प्रवेश करा दिया तथा स्वयं वीडियोग्राफी की।
महाकाल मंदिर में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण गर्भगृह की दहलीज से दर्शन की व्यवस्था चल रही है। राजनेताओं के साथ विभिन्न विभागों के ओहदेदार भी इसका फायदा ले रहे हैं। इस व्यवस्था से आम भक्त परेशान हैं।
गर्भगृह की दहलीज से वीडियो व फोटोग्राफी करने के कारण दर्शन बाधित होते हैं और आम श्रद्धालु जो दो घंटे लाइन में लगकर तीन किलोमीटर पैदल चलने के बाद गणेश मंडपम में पहुंचता है, वह 50 फीट दूर से भी भगवान के ठीक से दर्शन नहीं कर पाता है।
वीआईपी को रोकने में नाकाम लाचार अफसरों ने गर्भगृह नंदी हाल में वीडियो व फोटोग्राफी पर रोक लगाने के लिए जलद्वार पर मोबाइल लॉकर की स्थापना कराई थी। लेकिन वीआईपी नियम का पालन नहीं करते हैं। प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था में लगे कर्मचारी भी उन्हें नियमों की जानकारी नहीं देते हैं। इससे व्यवस्था बन नहीं पा रही है।