मथुरा।: श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर का केस लड़ रहे दिनेश शर्मा फलाहारी ने बताया कि आज भी माननीय न्यायालय में हिंदू पक्ष मुस्लिम पक्ष का अधिवक्ताओं के मध्य में खूब बहस हुई, बहस के दौरान जिन मुकदमों में सुनवाई अधूरी रह गई थी उनमें सुनवाई हुई, मुस्लिम पक्ष बार-बार यही दलील दे रहा है कि वरशिप एक्ट 1991 बना हुआ है ये मुकदमा चलने योग नहीं है, लेकिन हिंदू पक्ष बार-बार न्यायालय में अपना पक्ष रखे हैं कि यह मुकदमा सुनने योग्य है,क्योंकि 1947 से पहले भी यहां पर श्री कृष्णा स्थान को लेकर केस चल चुके हैं और अतिक्रमण की भूमि पर भी वरशिप एक्ट लागू नहीं होता है, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जब वरशिप एक्ट 1991 बना हुआ है तब यह मुकदमा चलने योग्य कैसे हो सकता है, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यहां लिमिटेशन एक्ट के अनुसार ये मुकदमा चलने योग्य नहीं है, लेकिन हिंदू पक्ष ने भी कहा कि ज्ञान व्यापी में सर्वे का आर्डर हो चुका है,ज्ञानवापी को हिंदू पक्ष ने आधार बनाया है, ज्ञान व्यापी और श्री कृष्णा जन्म स्थान दोनों मामले एक से हैं, यहां पर मुगल शासको द्वारा अवैध अतिक्रमण किया गया था, हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा है कि मुस्लिम पक्ष के पास कोई भी साक्ष्य नहीं है, वह केवल वरशिप एक्ट 1991 के बहाने न्यायालय को गुमराह कर रहा है, जबकि हिंदू पक्ष के पास जो भी साक्ष्य थे, वह सब न्यायालय में जमा हो चुके हैं, उन्होंने कहा कि खसरा खतौनी में हिंदू पक्ष का नाम है,पुरानी खेबट में हिंदू पक्ष का नाम है,प्राचीन कलाकृतियों, शंख,चक्र सुदर्शन,इन सभी के निशान दीवारों पर मौजूद है, उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास तो बिजली का बिल भी नहीं है जिससे वह यह कह सके कि यह मस्जिद पहले बनी. मुस्लिम पक्ष की तरफ से एडवोकेट तस्लीम अहमदी ने बहस की और हिंदू पक्ष की तरफ से एडवोकेट कुंवर बीनू सिंह,एडवोकेट सतवीर सिंह,AK मालवीय आदि मौजूद रहे।
राजकुमार गुप्ता
जिला संवाददाता मथुरा