
भारत में दिया जाता है बेटियों को देवी का दर्जा-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि भारत में बेटियों को देवी का दर्जा दिया जाता है। कहीं कोई पिता अपनी बेटी को आदिशक्ति का रूप मानता है तो कोई लक्ष्मी का रूप मानता है। हालांकि कुछ स्थानों पर इसके विपरीत देखा जाता रहा है कि घर में बेटी के पैदा होने पर लोगों में मातम पसर जाता है और कुछ लोग बेटी पैदा होने को अशुभ मानते हैं। लेकिन भारतीय परंपरा और भारतीय धर्म में बेटियों को हमेशा से ही देवियों का दर्जा दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बेटियां संसार की जननी है। संसार की शुरुआत खुद माता आदिशक्ति से हुई है। ऐसे में भारतीय परंपराओं में हमेशा से बेटियों को अव्वल दर्जे पर रखा गया है। लेकिन समय के साथ बेटियों से अधिकार छीने गए, फिर समय बदला और बेटियों को उनके अधिकार फिर मिलने लगे।
थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि समाज में अपवाद बढ़ने लगे तब समय के साथ बेटियों की शक्ति और उनकी क्षमताओं को भी छीना गया। हालांकि एक समय ऐसा भी आया जब बेटी पैदा होने को लोग अशुभ मानने लगे। हालांकि ये अशुभ मानने की शुरुआत इसलिए हुई क्योंकि समाज में दहेज प्रथा ने घर कर लिया था और बेटी की शादी में दहेज न देना पड़े इसलिए इसे अशुभ बताते हुए बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता था। लेकिन अब समय बदल चुका है। सरकार द्वारा व अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा भी लगातार कई अभियान चलाए गए। इसका परिणाम हुआ कि आज बेटियां अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रही हैं और सभी क्षेत्रों में नाम कमा रही हैं।
शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, शालू सिंह एडवोकेट, विमला चौधरी, मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक डॉ राजेंद्र कुमार जैन, डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, डॉ संजीव शर्मा, आदि ने कहा कि
हीन भावना से ग्रस्त ऊंचे ओहदों पर बैठे चंद अधिकारीगण नहीं चाहते हैं कि बेटियां उच्च शिक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करें। उन्हें डर यह रहता है कि वह बेटी हमसे बेहतर कैसे कर रही है? दो तरफा चाल चलने वाले चंद शिक्षक समाज के ठेकेदार बने बैठे हैं। प्रश्न यह है कि जब शिक्षक की नीयत में ही खोट है तो मासूम बेटियों क्या करें? अपने हक के लिए ना लड़े। उन्होंने कहा किमाननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान में चंद शिक्षक पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं।समाज को चाहिए ऐसे शिक्षकों का बहिष्कार करें। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब चंद खोटे सिक्के आपकी बेटी के भाग्य का फैसला कर रहे होंगे।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ