
रियल्टी ग्रामीण किसानों की उम्मीद है कि फिर से सिर्फ 2 से 3 भव्य बिगहा के मन से निकल रहा है, फिर भी बर्बाद हो सकता है……
इस साल कई किसान मसालों की फसल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और किसानों ने अलग-अलग तरह की फसलों की फसल बोई थी…
लेकिन इस साल सिर्फ 2 से 3 पुराने ही रुमाल पैदा हो रहे हैं, जो रुमाल 6000 रुपये में बिकती थी, वहीं पुराने रुमाल 4000 से 4500 रुपये में बिक रही है। इस समय किसान ऑनलाइन मार-पिटाई कर रहे हैं….
कंपनी ने किसानों को यह भी बताया कि किसानों की फसल प्रतिबीघा 6 से 8 औद्योगिक होगी। इसी तरह किसानों ने सैकड़ों बीघे क्षेत्र में खेती की फसल बोई थी लेकिन बीज उगाने के दौरान ही किसानों को धोखा मिल गया।
और आगे-आगे कई नारियल में नारियल मिला, जब फाल्कन पैक किया गया तो डंक नीचे चला गया, जिससे समय पर समुद्र को पानी भी नहीं मिल सका, जिसके बाद लगातार 15 से 30 दिन तक कोहरा छाया रहा
फल पर लगे फूल और फलियां ज्यादातर खराब हो गईं और इस प्रकोप से बचने के लिए हर देश में किसानों ने चिप-चिपचिपा औषधियों का सहारा लिया, लेकिन सफल को तैयार करने के लिए मच्छरों का प्रकोप खत्म हो गया।
अब जो किसान 5 से 8 मूल्यवान प्रति बीघे की उम्मीद कर रहे थे वे उन्हें 2 से 3 मूल्यवान प्रति बीघे की दर से खेती की फसल का उत्पादन मिलाते हैं।
इससे किसानों को अधिक लागत लग रही है। ऐसे में किसानों के लिए किसानों की फसल की बिक्री हो गई है…
कम पानी वाले किसान ज्यादातर इसी तरह के असफल पर आशावादी हैं, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर से आ गया है, इसके साथ ही उनके सामने आने की संभावना भी है।