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*ईंट, बालेसर पत्थर से होगा काम… रैलिंग भी लगेगी, डेढ़ साल में पूरे होंगे सभी काम…

*ईंट, बालेसर पत्थर से होगा काम… रैलिंग भी लगेगी, डेढ़ साल में पूरे होंगे सभी काम…*

 

इन्दौर। ऐतिहासिक इमारत लालबाग के बाहरी परिसर को संवारने का काम शुरू हो गया है। बाउंड्रीवॉल बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अंदर गार्डन के विकास कार्य और लैंडस्कैपिंग के काम भी इसी के साथ शुरू कर दिए जाएंगे। विभाग का दावा है कि डेढ़ साल में सभी काम सिंहस्थ से पहले पूरे कर लिए जाएंगे। लालबाग की इमारत के भीतर भी काम चल रहा है।

 

इसे संवारने का काम पुरातत्व विभाग के साथ मिलकर पर्यटन विभाग कर रहा है। टेंडर प्रक्रिया के बाद अब यहां बाउंड्रीवॉल के लिए बेस का काम शुरू हो गया है। डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा (रनिंग में) बाउंड्रीवॉल बनाई जाना है। ये 8 फीट ऊंची होगी। बाउंड्रीवाल के सामने, साइड में और पीछे के लिए अलग-अलग डिजाइन तय किए गए हैं। कई जगह ये 8 फीट केवल ईंटों से बनाई जाएगी तो कुछ जगह ईंटों के साथ रैलिंग और बालेसर पत्थर के अलावा डेकोरेटिव कॉलम लगाकर काम होगा। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सामने की ओर रैलिंग बड़ी लगाई जाएगी, ताकि अंदर की ओर देखा जा सके। ये डिजाइन पुराने डिजाइन से मिलता-जुलता ही होगा। सडक़ की ओर के डिजाइन बालेसर पत्थरों के साथ होंगे। यहां रैलिंग का इस्तेमाल न के बराबर होगा। पीछे की ओर नदी वाले हिस्से की तरफ पूरी वॉल ईंटों से ही बनाई जाएगी। इसमें ठोस डेकोरेटिव कॉलम लगाए जाएंगे। इसके बाद मुख्य द्वार प्रवेश के लिए बंद कर दिया जाएगा, जो केवल वीआईपी के आने पर ही खुलेगा। आमजन के लिए अब पश्चिम की ओर (रामपुर कोठी के पास) से इंट्री होगी। यहां मुख्य गेट की तरह ही दो गेट बनाए जाएंगे। इसके अलावा गार्डन, पार्किंग एरिया, छोटे-छोटे कई आकर्षक गार्डन, कैफेटेरिया, फव्वारे, रेस्ट रूम, शॉवेनियर शॉप, महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग सेंटर बनाने जैसे काम इसमें शामिल हैं।

 

देवी अहिल्या की प्रतिमा लगाने का भी प्रस्ताव

 

लालबाग परिसर में ही देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा लगाने की बात भी सामने आई है। हालांकि इस बात की पुष्टि फिलहाल किसी भी अधिकारी ने नहीं की है।

 

32 करोड़ 63 लाख के टेंडर हुए थे

 

लंबे समय के सर्वे और डीपीआर के बाद मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम ने बीते साल दिसंबर में इन कामों के लिए 32 करोड़ 63 लाख के टेंडर जारी किए थे। मकसद है कि लालबाग जैसा ऐतिहासिक स्थान लोगों के लिए एक सेंटर पॉइंट बने और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हो।

 

शराबखोरी जैसी घटनाएं बढ़ी थीं

 

लालबाग की बाउंड्रीवॉल बनाने को लेकर लंबे समय से आवाज उठ रही थी कि यहां टूटी बाउंड्रीवॉल से परिसर में कोई भी कहीं से भी आ रहा था। दिन में तो परेशानी थी ही, रात में ये असामाजिक तत्वों और शराबियों का अड्डा बना रहा था। यहां मॉर्निंग वॉक पर आने वालों ने कई बार इसकी शिकायत की थी।

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