
पीलीभीत के थाना हजारा क्षेत्र में धर्म परिवर्तन का एक मामला सामने आया है। नानक नगरी बैल्हा की रहने वाली एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
महिला ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार चल रही है। गरीबी के कारण उसका इलाज नहीं हो पा रहा था। आठ महीने पहले गांव की ही सुमित्रा कौर और छिदों कौर उसके घर आईं। दोनों ने उससे कहा कि वे सिख धर्म छोड़कर ईसाई बन गई हैं। उन्होंने पीड़िता को भी ईसाई धर्म अपनाने का प्रस्ताव दिया।
आरोप है कि दोनों महिलाओं ने कहा कि धर्म परिवर्तन करने पर ट्रस्ट की ओर से 50,000 रुपये मिलेंगे। साथ ही पादरी की प्रार्थना से उसकी बीमारी भी ठीक हो जाएगी। इसके बाद पादरी हरजीत सिंह, मीना कौर और सुरजीत कौर उसे शारदा नदी के तट पर ले गए। वहां उसकी आंखें बंद कर डुबकी लगवाई गई। फिर कुछ मांस का टुकड़ा निकालकर प्रसाद के रूप में मिठाई खिलाई गई।
चार महीने बीत जाने के बाद भी न तो महिला की बीमारी ठीक हुई और न ही उसे कोई पैसे मिले। जब उसने धार्मिक सभाओं में जाना बंद कर दिया तो 9 अक्टूबर को सुरेंद्र सिंह और हरजिंदर सिंह उसके घर घुस आए। उन्होंने धार्मिक सभा में आने का दबाव बनाया और जान-माल की धमकी दी। पीड़िता ने अपने और परिवार की सुरक्षा की मांग की है।