खरगोनमध्यप्रदेश

सिंगाजी पीथमपुर 400 केवी लाइन में गंभीर आर ओ डबल्यू समस्या के कारण लंबित ओपीजीड डब्ल्यू का कार्य पुर्ण

सिंगाजी-पीथमपुर 400 केव्ही लाइन में गंभीर आरओडब्ल्यू समस्या के कारण लंबित ओपीजीडब्ल्यू कार्य पूर्ण

 

एमपी ट्रांसको की पहली क्वाडमूस ट्रांसमिशन लाइन हुई आकाशीय बिजली से सुरक्षित, तीव्र डेटा ट्रांसफर का मार्ग प्रशस्त

 

📝🎯  खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) ने प्रदेश की प्रमुख संत सिंगाजी थर्मल पावर हाउस खंडवा-पीथमपुर 400 केव्ही डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन में लंबे समय से लंबित ओपीजीडब्ल्यू (ऑप्टिकल फाइबर ग्राउंड वायर) स्थापित करने का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। इस कार्य को खरगोन जिला प्रशासन के सक्रिय सहयोग से संपन्न किया गया।

 

इस तकनीकी उपलब्धि से न केवल ट्रांसमिशन लाइन को आकाशीय बिजली से सुरक्षा मिली है, बल्कि इससे उच्च गति के डेटा ट्रांसफर का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। एमपी ट्रांसको की अधीक्षण अभियंता श्रीमती नीलम खन्ना ने बताया कि यह कार्य खरगोन जिले की सनावद तहसील के ग्राम सताजना और कालबरड़ क्षेत्र से गुजरने वाले लगभग 04 किलोमीटर के हिस्से में गंभीर राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) समस्याओं के चलते पिछले पांच वर्षों से लंबित था।

 

इस जटिल कार्य को संपन्न करने के लिए ट्रांसको अधिकारियों ने लगातार जिला और पुलिस प्रशासन से संपर्क बनाए रखा। प्रशासन की ओर से तहसीलदार श्री मुकेश माचार, नायब तहसीलदार श्री प्रवीण सिंह चंदर तथा स्थानीय पुलिस बल की उपस्थिति में यह कार्य पूर्ण हुआ।

 

एमपी ट्रांसको की पहली क्वाडमूस लाइन

 

श्रीमती खन्ना ने आगे बताया कि एमपी ट्रांसको की यह पहली क्वाडमूस कंडक्टर से निर्मित 140 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन है, जिसमें ओपीजीडब्ल्यू स्थापना के पश्चात तेज डेटा संचार एवं ट्रांसमिशन प्रणाली के नए आयाम जुड़ गए हैं। इससे स्काडा प्रणाली, सब-स्टेशनों के रिमोट ऑपरेशन, ट्रांसमिशन प्रोटेक्शन और मॉनिटरिंग डेटा अब जीएसएम की बजाय तीव्र और विश्वसनीय फाइबर ऑप्टिक माध्यम से संचरित होंगे। साथ ही इस लाइन में उपलब्ध डार्क फाइबर को संचार कंपनियों को लीज पर भी उपलब्ध कराया जा सकेगा।

 

खरगोन प्रशासन का आभार

 

 एमपी ट्रांसको की अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रीमती नीलम खन्ना ने इस महत्वपूर्ण कार्य की सफलता पर खरगोन जिला कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल सहित प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आरओडब्ल्यू विवादों के चलते स्थानीय नागरिक कार्य में लगातार बाधा डालते रहे थे और कुछ अवसरों पर ट्रांसको कर्मियों के साथ मारपीट की घटनाएं भी हुईं। इसके बावजूद प्रशासन की दृढ़ भूमिका और सहयोग के चलते यह बहुप्रतीक्षित कार्य अंततः सफलतापूर्वक पूर्ण हो सका।

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