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अनेकांत से विश्वशांति सम्भव आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज,

सिद्धवरकूट में पंचकल्याणक विश्व शांति महायज्ञ प्रारम्भ,

अनेकांत से विश्वशांति सम्भव आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज,

सिद्धवरकूट में पंचकल्याणक विश्व शांति महायज्ञ प्रारम्भ,

खंडवा जिले में स्थित सिद्धवरकूट तीर्थ क्षेत्र में बड़ा धार्मिक अनुष्ठान लगा संतों का मेला,

खंडवा।। वस्तु का धर्म अविनाशी है। हम नाश के बल पर ही जी रहे हैं। यदि नाश न हो तो उत्पत्ति सम्भव नहीं है। नाश और विकास जीवन का क्रम है। जीवन में हर्ष और शोक दोनों निरंतर आते रहते हैं, लेकिन दोनों अस्थाई हैं। ध्यान रखें शोक को विराम दोगे, तभी काम आगे बढ़ेगा। अनेकांत एक ऐसा नियम है, जिससे विश्वशांति सम्भव है। उक्त विचार चर्या शिरोमणि, अध्यात्म योगी, शताब्दी देशनाकार आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने सिद्धवरकूट प्रवेश के पश्चात आयोजित प्रवचन सभा में अभिव्यक्त किये।

*सिद्धवरकूट का विकास अच्छी सेवा का फल*

सिद्धवरकूट क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय प्रदीप कुमार कासलीवाल के कार्यों की प्रशंसा करते हुए आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि उनके शेष रहे कार्यों को पूर्ण करना उनके पुत्र अमित कासलीवाल का कार्य है। कासलीवाल परिवार के संस्कार अच्छे हैं। जो उनकी तीसरी चौथी पीढ़ी तीथों की सेवा में लगी हुई है। समाज के सचिव एवं तीर्थ क्षेत्र के सदस्य प्रचार मंत्री सुनील जैन ने बताया कि सिद्धवरकूट क्षेत्र के मुख्य द्वार पर क्षेत्र कमेटी अध्यक्ष अमित कासलीवाल, वर्किंग ट्रस्टी बाबूलाल जैन, महामंत्री विजय काला, संतोष जैन, आशीष चौधरी, अमरीश चौधरी, सुभाष सामरिया, ललित बड़जात्या, राजेन्द्र जैन महावीर, प्रदीप चौधरी, सुशील पांड्या, पदम काला, आदित्य कासलीवाल, कैलाश जैन बस वाले, अनुभव जैन, पार्षद राजीव जैन,धर्मेंद्र पाटनी ,अपूर्व सतभय्या सनावद नगरपालिका उपाध्यक्ष नयना मनीष चौधरी, महासमिति सनावद अध्यक्ष संध्या-सुनील पंचोलिया आदि ने आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी, गणधर मुनि श्री विवर्धन सागर जी महाराज ससंघ,अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज,गणिनी आर्यिका श्री विशिष्टश्री माताजी सहित 60 से अधिक पिच्छीधारी संतों ने प्रवेश कर क्षेत्र के विकास के प्रति प्रसन्नता व्यक्त की, खंडवा जिले में रेवा नदी तट पर स्थित सिद्धवरकूट के मूलनायक श्री संभवनाथ जी का अभिषेक, शांतिधारा अचार्य संघ के सानिध्य में सम्पन्न हुई। आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का पादप्रक्षालन पंचकल्याणक के सौधर्म इन्द्र प्रवीण-निशा जैन ने किया। शास्त्र भेंट लुहाडिया परिवार छिंदवाड़ा ने किया। आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज की आहार चर्या आशीष मनीष चौधरी परिवार सनावद के चौके में सम्पन्न हुई।

*भावनाओं के बल पर बनते हैं तीर्थकर गणधर मुनि श्री विवर्धन सागर जी महाराज*

गणधर मुनि श्री विवर्धन सागर जी महाराज जी महाराज ने कहा कि गणाचार्य मुनि श्री विराग सागर जी महाराज के साथ सिद्धवरकूट 2013 में पधारे थे, तब वे भी सिद्धवरकूट पधारे थे, तब से आज तक में बहुत परिवर्तन हुए हैं। भावों में परिवर्तन नहीं होता, जब तक संसार अच्छा लगता है, भावों में जैसे ही परिवर्तन होता है, संसार में कुछ भी अच्छा नहीं लगता। आज तक जिनते भी सिद्ध हुए भावों के बल पर ही हुए हैं। भावना ही भव नाशिनी है, भावना ही भववर्धिनी है। प्रवर्तक मुनि श्री विश्व नायक सागर जी ने कहा कि गणचार्य विराग सागर जी महाराज 90संतो के साथ आए थे। उन्होंने अपना पट्टाचार्य पद वीडियो संदेश के माध्यम से आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज को प्रदान किया है।उनका पट्टाचार्य महामहोत्सव 27अप्रेल से 2मई तक सुमति धाम इंदौर में आयोजित होगा। तीर्थ क्षेत्र के प्रचार संयोजक राजेंद्र महावीर जैन, सुनील जैन, प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि इस अवसर पर सोशल ग्रुप फेडरेशन की संरक्षिका पुष्पा कासलीवाल सहित निमाड़-मालवा सहित देश भर के अनेक श्रद्धालु सम्मिलित हुए। 21 अप्रैल को पंचकल्याणक क्रियाओं के बाद सायं 7 बजे से सुप्रसिद्ध भजन गायक चिंतन बाकीवाला की भजन संध्या का आयोजन किया गया है।

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