
संवाद दाता अरविंद कोठारी
मुंबई,विले पार्ले (पूर्व) में स्थित 30 वर्षों से अधिक पुराना दिगंबर जैन मंदिर आज सुबह मुंबई महानगरपालिका द्वारा अचानक ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्यवाही से न केवल स्थानीय जैन समाज में बल्कि पूरे देशभर में जैन समुदाय के बीच गहरा आक्रोश उत्पन्न हो गया है।
जैन श्रद्धालुओं का कहना है कि यह मंदिर वर्षों से उनकी आस्था, पूजा और भक्ति का केंद्र था, और इसे बिना किसी पारदर्शी सूचना या उचित प्रक्रिया के तोड़ा गया है। जैन समाज ने आरोप लगाया है कि इस तोड़फोड़ के पीछे एक होटल समूह के निजी हित शामिल हैं, जिसने कथित रूप से नगरपालिकीय तंत्र पर दबाव बनाकर यह कार्रवाई करवाई।
मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन:
जैन समुदाय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस को एक ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि—
संबंधित मुंबई महानगरपालिका अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए,
मंदिर को पुनः उसी स्थान पर पुनर्निर्मित किया जाए, और
इस मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि महानगरपालिकाएं मंदिरों को गैरकानूनी निर्माण बताकर इस प्रकार तोड़फोड़ करती रहीं, तो यह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ