टेक्नोलॉजीभोपाल

स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया

मिसाइल प्रणाली भारतीय नौसेना के लिए एक उत्कृष्ट बल गुणक होगी

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से तट पर स्वदेशी रूप से विकसित लंबवत-प्रक्षेपित शॉर्ट-रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (वीएलएसआरएसएएम) का सफल उड़ान परीक्षण किया। 26 मार्च को लगभग 12 बजे ओडिशा का। उड़ान-परीक्षण भूमि-आधारित ऊर्ध्वाधर लांचर से बहुत करीब और कम ऊंचाई पर उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य के खिलाफ किया गया था। इसने मिसाइल प्रणाली की निकट-सीमा-निम्न ऊंचाई क्षमता स्थापित की है। परीक्षण के दौरान, मिसाइल द्वारा लक्ष्य को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया, जिससे लक्ष्य को बहुत करीब से भेदने के लिए आवश्यक उच्च मोड़ दर निष्पादित हुई और मिसाइल की चपलता, विश्वसनीयता और पिन-पॉइंट सटीकता स्थापित हुई। परीक्षण युद्ध विन्यास में तैनात सभी हथियार प्रणाली तत्वों के साथ आयोजित किया गया था। स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर, मल्टी-फंक्शन रडार और वेपन कंट्रोल सिस्टम के साथ मिसाइल सहित इन तत्वों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया है। सिस्टम के प्रदर्शन को आईटीआर चांदीपुर द्वारा विकसित विभिन्न रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा द्वारा मान्य किया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और उद्योग को बधाई देते हुए मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास में भारत की मजबूत डिजाइन और विकास क्षमताओं का प्रमाण करार दिया। उन्होंने कहा, यह भारतीय नौसेना के लिए एक उत्कृष्ट बल गुणक होगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने भी इस सफल उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और संबंधित टीमों को बधाई दी, और कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस मिसाइल सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!