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खंडवा के कवि, कथाकार शैलेन्द्र शरण प्रतिष्ठित “प्रणव साहित्य अलंकरण” से सम्मानित,

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खंडवा के कवि, कथाकार शैलेन्द्र शरण प्रतिष्ठित “प्रणव साहित्य अलंकरण” से सम्मानित,

नई युवा पीढ़ी को साहित्य से जोड़ने के प्रयास लगातार होना चाहिए, ,अशोक गीते,

समाज को जागृत करने के लिए साहित्य अनिवार्य है, ,,कैलाश मंडलेकर,,

खंडवा।। ताप्ती सृजन पीठ एवं वनमाली सृजन केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में तीसरा साहित्यकार सम्मेलन एवं ताप्ती सृजन पीठ अलंकरण समारोह का आयोजन गोकुल मिड़वे रेस्टोरेंट बुरहानपुर में संपन्न हुआ । इस गरिमापूर्ण आयोजन में शहर के कवि, कथाकार शैलेन्द्र शरण को उनके “पिकासो की उदास लडकियां” कविता संग्रह के लिए ‘ प्रणव साहित्य सम्मान 2025’ से अलंकृत किया गया, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि यह सम्मान कवि वासुदेव शर्मा ‘प्रणव’ की स्मृति में उन्हें उनके सुपुत्र साहित्यकार सुधीर शर्मा ‘ निर्मल’ द्वारा शॉल, श्रीफल, स्मृतिचिन्ह, सम्मान पत्र तथा सम्मान राशि प्रदान कर किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ख्यातनाम व्यंग्यकार कैलाश मंडलेकर ने कहा की साहित्यिक आयोजन वर्तमान युग की अनिवार्यता है । इसी माध्यम से समाज को जागृत किया जा सकता है, नई पीढ़ी को दृश्य मीडिया से हटाकर साहित्य से जोड़ा जाना चाहिए, विशेष’अतिथि सुरेश भाई श्रॉफ ने आयोजन को साहित्य के सारस्वत स्वरूप से साक्षात्कार बताया, शरद जैन ने अपने वक्तव्य में कहा यह निमाड़ की धरा से एक साहित्यिक सूर्योदय है, अभी तो संस्था ने कार्य शुरू किया है, ये कांरवा बहुत आगे जायेगा, डॉ. मनोज माने ने अपने वक्तव्य में कहा ‘साहित्य और पठन-पाठन से जोड़कर ही हम नई पीढ़ी में संस्कारों का बीजारोपण कर सकते हैं,आस्था राय ने साहित्यिक कार्यक्रम को निरंतर आगे बढ़ाने पर बल दिया, अध्यक्षीय उद्बोधन में अशोक गीते ने कहा वर्तमान में साहित्य से दूर होती नई पीढ़ी को साहित्य से जोड़ने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए जो साहित्यक आयोजनों से ही संभव है, संचालन संदीप शर्मा निर्मल ने किया प्रदेश भर से पधारे साहित्यकारों, अतिथियों एवं साहित्य प्रेमियों का आभार नंदकिशोर जांगड़े ने व्यक्त किया, सुनील जैन ने बताया कि इस अवसर पर संतोष परिहार द्वारा सम्पादित समीक्षा ग्रंथ ‘आंकलन’ का लोकार्पण भी हुआ ।आंकलन की समीक्षा गोविंद शर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई, संस्था द्वारा प्रकाशित ‘स्मारिका 2025’ का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में ललित निबंधकार गोविंद गुंजन, साहित्यकार अरुण सातले, श्रीमती वीणा जैन, शरद जैन, गोविंद शर्मा तथा प्रदेश के ख्यातनाम साहित्यकार शरीक हुए,इस आयोजन में ‘द्राक्षा रत्न अलंकरण’ कहानी के लिए डॉ. तनुजा चौधरी जबलपुर, द्राक्षा रत्न अलंकरण उपन्यास के लिए बड़नगर के डॉ. लोकेंद्र सिंह कोट, गज़ल के लिए सरदार हरभजन सिंह चावला ‘आजाद’ अलंकरण खरगोन के महेश जोशी ‘अनल’ को दिया गया
एवं लघु कथा के लिए श्रीमती दमयंती डॉ. गोपाल कृष्ण गंगराड़े ‘लघु कथा श्री’ सम्मान खरगोन के डॉ. अखिलेश बार्चे को प्रदान किया गया। सम्मान पत्रों का वाचन बेला तारकस, विनय परिहार, नंदकिशोर जांगड़े ने किया।

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