सोनभद्र

संत शिरोमणि रविदास एवं संत गाडगे तथा जगदेव बाबू कुशवाहा जयंती मनाया गया महुली फील्ड ग्राउंड में

संत शिरोमणि रविदास एवं संत गाडगे तथा जगदेव बाबू कुशवाहा जयंती मनाया गया महुली फील्ड ग्राउंड में

महुली सोनभद्र रिपोर्ट (नितेश कुमार)विंढमगंज (सोनभद्र)। राजा बरियार शाह खेल मैदान महुली में संत शिरोमणि रविदास व संत गाडगे महाराज एवं शहीद जगदेव कुशवाहा की संयुक्त रूप से जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई । शहर से लेकर कस्बे तक लोगों ने संत रविदास को याद किया। राजनीतिक दलों ने भी संत की महिमा को स्मरण किया। सभी ने संत रविदास जी व स्वच्छता के प्रणेता महाराज गाडगे के बताएं रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हीरालाल सायन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सोनभद्र, विशिष्ट अतिथि ब्लॉक प्रमुख दुद्धी रंजना मणि चौधरी, ओम प्रकाश मौर्य, जुबेर आलम, रामविचार गौतम, सत्यनारायण यादव ने संत रविदास व संत गाडगे, जगदेव कुशवाहा, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर व महात्मा गौतम बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। श्री सायन ने कहा कि भारत का आकाश संतों के सितारों से भरा है। इन सब की ज्योति एक है संत रविदास इन सितारों में ध्रुव तारा हैं। राम विचार गौतम ने कहा कि संत रविदास कहते थे कि जिस समाज में अविद्या और अज्ञानता है उस समाज का उत्थान कभी नहीं हो सकता इसलिए सभी मनुष्यों को विद्या अर्जित करनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि रंजनामणि चौधरी ब्लाक प्रमुख दुद्धी ने कहा कि संत गाडगे महाराज जी ने भी इसी तरह की 10 शिक्षाएं दी है। संत गाडगे महाराज भी संत रविदास की तरह श्रमजीवी साधु थे। वे मेहनतकश करते स्वच्छता व शिक्षा पर विशेष बल दिया। संत गाडगे महाराज ने ईश्वर, धर्म, अंधविश्वास के चक्कर से दूर रहने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि पैसे की कमी हो तो खाने वाली थाली बेचकर बच्चों को पढ़ाओ। जुबेर आलम ने कहा कि दोनों महापुरुष परजीवी नहीं श्रमजीवी संत थे। डॉक्टर अजय कुमार ने दोनों संतों के विचारों को जोड़ते हुए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा भारत के महान संविधान में बनाए गए अनुच्छेद व धारा पर प्रकाश डाला । पूरे कार्यक्रम में विरहा गायकों की टीम ने अपने गानों से लोगों को दिनभर झूमाते रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन अवधेश कन्नौजिया अध्यक्ष अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ, ने किया। इस मौके पर नीरज कुमार कन्नौजिया, कुन्दन कन्नौजिया, सुभाष भारती, संतोष विश्वकर्मा, दयाशंकर विवेक कन्नौजिया, मनोज कुमार कन्नौजिया सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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